Utpanna Ekadashi 2023: एकादशी के दिन करें ये 5 महाउपाय, भगवान विष्णु करेंगे सभी मनोरथ पूर्ण, धन ऐश्वर्श से भर देंगे आपके भंडार

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By Simran VaidyaPublished On: December 4, 2023

Utpanna Ekadashi 2023 Date: हिंदी पंचांग के अनुसार प्रत्येक माह में दो एकादशी आती हैं। जहां मार्गशीर्ष मास अर्थात श्रीकृष्ण का अतिप्रिय माह बताया गया है वहीं यह विधिवत 26 दिसंबर 2023 तक जारी रहने वाला है। इस मास को श्रीहरि नारायण को पूरी तरह अर्पित होता है जिसमें कई उपवास और फेस्टिवल्स आते हैं। वहीं उत्पन्ना ग्यारस इनमें से एक है। जिसका हिंदू धार्मिक मान्यताओं के अनुरूप उत्पन्ना एकादशी का अत्यंत खास अर्थ बताया गया है। क्योंकि इसी ग्यारस तिथि से ही हिंदुओं के सबसे बड़े उपवास एकादशी तिथि का प्रारंभ हुआ हैं।

इधर उत्पन्ना एकादशी का उपवास को रखने वाले जातक मोह माया, और मनुष्यों को अनेकों प्रकार के सुखों को उठाकर तृप्ति को प्राप्त करता है। जो लोग ग्यारस की शुरुआत हुई थी। वहीं जो व्रती इस व्रत को प्रारंभ करना चाहते हैं उनके लिए उत्पन्ना एकादशी से उपवास करना प्रारंभ कर सकता हैं। वहीं चलिए बात करते हैं उत्पन्ना एकादशी की सही डेट, मुहूर्त और विशेष महत्व के विषय में विस्तार के साथ।

जैसा कि सभी जानते हैं मार्गशीर्ष का मास भगवान श्रीकृष्ण का अत्यंत प्रिय महीना माना गया हैं। जिसका आरंभ 26 दिसंबर 2023 तक रहेगा। इस बीच भगवान श्री कृष्ण की पूजा का एक बेहद अलग महत्व बताया गया है। ऐसे में मार्गशीर्ष का मास है, तो एकादशी व्रत का महत्व एकदम अलग और भी अधिक बढ़ जाता है। इस पावन दिन पर मनुष्य पूरी श्रद्धा और आस्था के साथ उपवास रखते हैं और भगवान नारायण और श्री कृष्ण की पूजा करते हैं। एकादशी तिथि महीने में दो बार आती है।

कृष्ण पक्ष – उत्पन्ना एकादशी तिथि और शुभ और सही मुहूर्त।

  • एकादशी तिथि का आगाज – 8 दिसंबर 2023 – 05:06

     

  • एकादशी तिथि का अंत – 9 दिसंबर 2023 – 06:31

     

  • व्रत खोलने का शुभ वक्त – 10 दिसंबर 2023 – प्रभात 06:10 बजे से प्रभात 07:13 बजे तक

इन महा मंत्रों का करें जप

यहां हम आपको उन महामंत्रों के जप की महिमा का गुणगान करेंगे तो भगवान के प्रिय नामो का जाप है, जो इस प्रकार हैं “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” इस मन्त्र का श्रद्धा के साथ जप करना बेहद शुभ फलदायी माना जाता हैं।

इस दिन जरूर करें दान

आपको एकादशी तिथि वाले दिन दान पुण्य सत्कर्म करना और अच्छे सात्विक तौर तरीके में रहना भी काफी खास माना गया है। यहां दान में अनाज, वस्त्र, धन, और सामर्थ्य अनुसार दान दक्षिणा भी दे सकते हैं।

केवल एक पहर करें खाने का सेवन

आपको उत्पन्ना एकादशी वाले दिन व्रत करना और केवल एक प्रहर खाना खाना उत्तम माना जाता है।

सुन्दरकांड का करें विशेष पाठ

यहां आपको तुलसीदास जी की “सुन्दरकांड” के पाठ का भी श्रवण और पठन करना शुभ माना जाता हैं। इधर भगवान महाबली हनुमान जी की कृपा जातक के ऊपर सदा सदा के लिए बनी रहती हैं।

सत्संग का भी उठाएं लाभ

ग्यारस तिथि वाले दिन सत्संग में जाना उसे सुनना या देखने से भी काफी ज्यादा लाभ मिलता हैं