सरकार के सोशल मीडिया कानूनों को लेकर एडिटर्स गिल्ड ने जताई चिंता, कहा- सख्त संशोधनों को वापस लिया जाए

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नई दिल्ली। एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने सरकार के सोशल मीडिया को लेकर बनाए गए नियमों को कठोर और सेंशरशिप के समान बताया। केंद्र सरकार के सोशल मीडिया को लेकर बनाए गए नए नियमों को लेकर एडिटर्स गिल्ड ने नाराजगी व्यक्त की है। 6 अप्रैल को एडिटर्स गिल्ड ने इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा अधिसूचित नए आईटी नियमों को लेकर चिंता जाहिर की है। एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने कहा है कि केंद्रीय IT मंत्रालय द्वारा अधिसूचित नए आईटी संशोधन नियम परेशान करने वाले हैं।

एडिटर्स गिल्ड का कहना है कि इन संशोधनों का देश में प्रेस की स्वतंत्रता पर गहरा प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। एडिटर्स गिल्ड का कहना है कि, नई सूचना प्रौद्योगिकी (मध्यस्थ दिशानिर्देश और डिजिटल मीडिया आचार संहिता) संशोधन नियम, 2023, ऑनलाइन सूचनाओं और उन्हें इंटरनेट से हटाने की सरकार की शक्तियों से संबंधित है।

एडिटर्स गिल्ड ने कहा कि यह नियम केंद्र को किसी भी ऐसी सामग्री को हटाने की शक्ति देगा जो तथ्य-जांच की गई हो या किसी सरकारी निकाय द्वारा झूठी/नकली के रूप में चिह्नित की गई हो। इसमें किसी भी मीडिया संगठन द्वारा प्रकाशित समाचार लेख और वीडियो शामिल होंगे। जानकारी केलिए आपको बता दें कि, गिल्ड ने 7 अप्रैल को जारी अपने बयान में कहा है कि नए नियमों से केंद्र सरकार को खुद की एक ‘फैक्ट-चेक इकाई’ गठित करने की शक्ति दी है, जिसके पास केंद्र सरकार के किसी भी कामकाज आदि के संबंध में क्या ‘फर्जी या गलत या भ्रामक’ है।

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एडिटर्स गिल्ड ने आगे कहा है कि सही मायनों में सरकार ने खुद को अपने स्वयं के काम के संबंध में, कोई खबर फेक है या नहीं, यह निर्धारित करने और इसे हटाने का आदेश देने के लिए पूर्ण शक्ति दी है। गिल्ड की अध्यक्ष सीमा मुस्तफा, महासचिव अनंत नाथ और कोषाध्यक्ष श्रीराम पवार द्वारा हस्ताक्षरित बयान में कहा गया है, ‘असल में, सरकार ने अपने खुद के काम के संबंध में अपने आप को क्या फ़र्ज़ी है क्या नहीं- यह निर्धारित करने और इसे हटाने का निर्देश देने की पूर्ण शक्ति दे दी है।

जानकारी के लिए आपको बता दें कि, सरकार ने गुरुवार को घोषणा की कि वह फर्जी, झूठी या भ्रामक सूचनाओं की पहचान करने के लिए एक जांच इकाई का गठन करेगी। गिल्ड ने एक बयान में सरकार से सूचना प्रौद्योगिकी संशोधन नियमों को वापस लेने और मीडिया संगठनों व प्रेस निकायों के साथ पहले किए गए वादे के अनुसार परामर्श करने का आग्रह किया।

एडिटर्स गिल्ड की इन चिंताओं पर आईटी राज्यमंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा है कि निकाय बनने के बाद फ्री स्पीच पर कोई खतरा पैदा नहीं होगा। राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि अगर यूनिट सरकार के खिलाफ गलत जानकारी और फेक न्यूज़ पहचान लेती है तो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म उस जानकारी को हटा सकते हैं।