ईडी ने बैंक से लोन लेने के बाद डिफाल्टर मामले में नारायण निर्यात प्राइवेट लिमिटेड के डॉरेक्टर कैलाश चंद्र पर कार्रवाई की है। जहां इससे जुड़ी हुई लगभग 26 करोड़ की संपत्ति को अटैच किया है। इससे पहले इसी से संबंधित भोपाल में सीबीआई ने केस दर्ज कर कोर्ट में चलान पेश किया था।
‘सीबीआई भी दर्ज कर चुकी है मामला’
इससे करीब पांच महीने पहले इंदौर में प्रापर्टी डीलर रितेश उर्फ चंपू अजमेरा और कैलाश गर्ग के ठिकानों पर छापेमारी की थी । मामला सैटेलाइट हिल्स कॉलोनी सहित अन्य जमीन से जुड़े 110 करोड़ रूपये के लोन से संबंधित है। इसमें बैक सिर्फ 4 करोड़ रूपए वसूल किया बांकी 106 करोड़ डूब गया है। इसी मामले में सीबीआई ने यूको बैंक की शिकायत पर सुरेस गर्ग, कैलाश गर्ग सहित अज्ञात पर शिकायत दर्ज की थी।
‘इन बैंको का डूबा पैसा’
यूको बैंक न्यू पलासिया ने 34.28 करोड़ दिया जिसमें वह पूरा डूब गया। यूनियन बैंक एमजी रोड रीगल चौराहा ने 38.44 करोड़ दिया और 33.44 करोड़ डूब गया।पंजाब नैशनल बैक 33.84 करोड़ दिए जिसका 33.44 करोड़ डूब गया।
‘ईडी ने जब्त की ये प्रापर्टी’
ईडी ने शुक्रवार को जारी बयान में बताया कि नारायण इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के डारेक्टर कैलाश चंद्र सहित अन्य लोगों के द्वारा 110 करोड़ का लोन लिया गया। और इन्होनें लोन राशि कंपनी पर ना खर्च करते हुए खुद की सुविधाओं पर खर्च किया है। ईडी के अनुसार एमपी और महाराष्ट्र स्थित करीब 34 कंपनियों को जब्त किया गया है। जिसमें एमपी के जावरा इंदौर और महाराष्ट्र के अकोला में शामिल है।