धनकुबेर सौरभ शर्मा के भोपाल-ग्वालियर के कई ठिकानों पर ED के छापे, करोड़ों का कैश हो चुका हैं बरामद

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ED Raid : मध्य प्रदेश के परिवहन विभाग के पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा के खिलाफ लोकायुक्त की कार्रवाई के बाद शुक्रवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने भी छापामार कार्रवाई शुरू कर दी है। ईडी की टीम ने राजधानी भोपाल, ग्वालियर और जबलपुर में एक साथ ताबड़तोड़ कार्रवाई की, जिसमें मेटल डिटेक्टर और अन्य आधुनिक उपकरणों का उपयोग किया गया।

ग्वालियर में भी सौरभ शर्मा के खिलाफ कार्रवाई की शुरुआत हो गई है। विनय नगर स्थित मकान पर इनकम टैक्स और अन्य जांच एजेंसियों ने दबिश दी है। CRPF के जवानों की मौजूदगी में यह छापामार कार्रवाई की जा रही है। सूत्रों से जानकारी मिली है कि सौरभ शर्मा दुबई में नहीं, बल्कि ग्वालियर में कहीं छिपा हुआ है। जांच एजेंसियां उसे पकड़ने के लिए लगातार प्रयास कर रही हैं।

सौरभ के भोपाल स्थित ठिकाने पर छापेमारी

ईडी की टीम पहली बार सौरभ शर्मा के भोपाल स्थित निवास और दफ्तर पर पहुंची। यहां दर्जनभर अधिकारी मेटल डिटेक्टर समेत कई आधुनिक उपकरण लेकर सर्चिंग कर रहे हैं। यह कार्रवाई लोकायुक्त टीम द्वारा सौरभ के दफ्तर से ढाई क्विंटल चांदी बरामद करने के बाद शुरू हुई। बताया गया कि सौरभ ने टाइल्स के अंदर चांदी छिपा कर रखी थी, जिसे पकड़ने के लिए मेटल डिटेक्टर का उपयोग किया जा रहा है।

अकूत संपत्ति की बरामदगी

लोकायुक्त टीम ने सौरभ शर्मा के ठिकानों पर छापा मारा था, जहां से 235 किलो चांदी और 2.95 करोड़ रुपए नकद मिले थे। इसके अलावा, 19 दिसंबर की देर रात मेंडोरी के जंगल से आईटी की टीम ने 52 किलो सोना और 10 करोड़ रुपए नकद बरामद किए थे। सौरभ के घर से आभूषण और अन्य सामान की कुल कीमत 3 करोड़ 86 लाख रुपए आंकी गई है।

सहयोगी के ठिकाने से भी मिली संपत्ति

सौरभ के कार्यालय से उनका सहयोगी चेतन सिंह गौर का निवास भी है, जहां से चांदी और नगद, कुल 4 करोड़ 12 लाख की संपत्ति बरामद हुई थी। इसके साथ ही प्रदेश के विभिन्न स्थानों से बेनामी संपत्तियों के दस्तावेज भी मिले हैं। सौरभ शर्मा को पिता के स्थान पर अनुकंपा नियुक्ति मिली थी, और उसने मात्र 10-12 साल की नौकरी की थी। इसके बाद वह परिवहन विभाग से वीआरएस लेकर बाहर हो गया था।

आयकर विभाग को मिली सौरभ की डायरी

आयकर विभाग को सौरभ की डायरी भी मिली, जिसमें कई बड़े खुलासे हुए हैं। डायरी के मुताबिक, परिवहन विभाग में हर साल 100 करोड़ रुपए का काला हिसाब होता था, और प्रदेश के 52 आरटीओ और बड़े अफसरों के नाम, नंबर, पते और उनकी उगाही के रकम भी इसमें दर्ज हैं। साथ ही, सौरभ के सहयोगी चेतन ने इस मामले में कई बड़े नेताओं और अफसरों से सौरभ के गठजोड़ का भी खुलासा किया है।

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सौरभ शर्मा और उसके साथी चेतन के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग के तहत केस दर्ज किया है। जांच एजेंसियां अब दुबई से लौटने के बाद सौरभ शर्मा और उसके परिवार से पूछताछ करेंगी।

अग्रिम जमानत याचिका खारिज

सौरभ शर्मा ने गिरफ्तारी से बचने के लिए भोपाल कोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका दायर की थी, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया। इस मामले में शुक्रवार को सुनवाई होनी थी, लेकिन वकील के विशेष अनुरोध पर गुरुवार को ही सुनवाई की गई, और न्यायाधीश ने उसे लोक सेवक मानते हुए अग्रिम जमानत देने से इंकार कर दिया।