जैसा कि आप सभी जानते हैं कि ज्योतिष के अनुसार हमारे भाग्य के अनुसार ग्रह में परिवर्तन होता रहता है। हमारे ग्रह की वजह से हमारे राशियां प्रभावित होती है क्योंकि जब भी ग्रह और नक्षत्र चेंज होते हैं तो उनका सीधा असर हमारी राशि पर पड़ता है। गृह को शांत करने के लिए हम कई तरह के उपाय करते हैं। यदि हम किसी ज्योतिषशास्त्र की गणना को माने तो उनके द्वारा बताई गई विधि सटीक बैठती हैं।
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वहीं गुरुदेव बृहस्पति 18 अक्टूबर की सुबह 11 बजकर 39 मिनट पर मकर राशि में मार्गी हो चुके हैं। गुरु की यह स्थिति 20 नवबंर तक रहेगी। इसी दिन रात को 08 बजकर 46 मिनट पर कन्या राशि पर बुध मार्गी हो चुके हैं। यह अपनी राशि में 22 दिन तक गोचर करने के बाद 02 नवंबर को सुबह 09 बजकर 43 मिनट पर तुला राशि पर गोचर कर जाएंगे। गुरु को वैभव, ज्ञान और विवेक का कारक माना जाता है। बुध को बुद्धि और वाणी का कारक माना जाता है। जानिए बुध और गुरु के मार्गी होने से किन राशि वालों की बढ़ेंगी मुश्किलें-
मेष राशि:
मेष राशि वालों की जन्म कुंडली के तीसरे और छठवें भाव के स्वामी बुध हैं। छठवें भाव को आमदनी, कर्ज और शत्रु का भाव माना जाता है। गुरु नौवें और 12वें भाव के स्वामी हैं। इस दौरान आपके मन में कई कार्यों की शुरुआत की भावना प्रबल होगी। कार्यक्षेत्र में विकास धीमी गति से हो सकता है।
कर्क राशि:
कर्क राशि वालों की जन्म कुंडली के तीसरे और 12वें भाव के स्वामी बुध माने जाते हैं। गुरु उनके छठवें और नौवें भाव के स्वामी हैं। इस दौरान आपका सहकर्मियों के साथ वाद-विवाद हो सकता है। मानसिक शांति भंग हो सकती है।
कुंभ राशि:
कुंभ राशि के जातकों की कुंडली में बुध को पंचम और अष्टम भाव का स्वामी माना जाता है। गुरु उनके दूसरे और 11वें भाव के स्वामी हैं। गोचर काल के दौरान आपको मेहनत का पूरा फल नहीं मिलेगा। मानसिक तनाव का सामना करना पड़ सकता है। बेवजह धन खर्च हो सकता है।
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