Samvidhan Pe Charcha Live: लोकसभा में आज से शुरू हुई संविधान पर दो दिवसीय चर्चा, लोकसभा में प्रियंका गांधी की पहली स्पीच, बोली – संवाद की पुरानी परम्परा हैं वाद-विवाद

srashti
Published on:

Samvidhan Pe Charcha Live: प्रियंका गांधी ने शुक्रवार को संसद में संविधान पर हो रही चर्चा के दौरान कहा- आज की सरकार को नारी शक्ति के मुद्दे पर बोलने के लिए मजबूर किया है संविधान ने, लेकिन केंद्र सरकार नारी शक्ति अधिनियम बिल को क्यों लागू नहीं कर रही? क्या आज की महिलाएं 10 साल तक इंतजार करेंगी?

प्रियंका ने केंद्र सरकार से सवाल किया- आप पंडित नेहरू का नाम तो लेते हैं, लेकिन जब बात वास्तविक जिम्मेदारी की आती है तो उनका नाम क्यों नहीं लेते? सत्ता पक्ष के लोग अतीत की घटनाओं पर चर्चा करते हैं, जैसे 1921 में क्या हुआ, या नेहरू ने क्या किया। लेकिन, अब वक्त आ गया है कि वर्तमान पर ध्यान दिया जाए। देश को बताइए कि आप आज क्या कर रहे हैं। क्या सारी जिम्मेदारी केवल नेहरू पर डाल दी जाएगी?

प्रियंका ने इंदिरा गांधी का उदाहरण देते हुए कहा- इंदिरा गांधी ने बैंकों और खदानों का राष्ट्रीयकरण किया, कांग्रेस सरकारों ने शिक्षा और भोजन का अधिकार सुनिश्चित किया, और जनता का विश्वास जीता। पहले संसद में यह उम्मीद होती थी कि महंगाई और बेरोजगारी जैसे मुद्दों पर चर्चा होगी और कोई समाधान निकाला जाएगा, लेकिन आज संसद का कामकाज ही ठप कर दिया गया है।

प्रियंका ने आगे कहा- प्रधानमंत्री संसद में संविधान की किताब को माथे से लगाकर दिखाते हैं, लेकिन जब बात न्याय की होती है, जैसे संभल, हाथरस या मणिपुर मामले में, तो उनके चेहरे पर कोई शिकन तक नहीं आती। एक पुरानी कहानी है कि राजा अपने भेष बदलकर जनता से उनकी आलोचना सुनने जाता था, ताकि वह जान सके कि वह सही रास्ते पर है या नहीं। लेकिन आज के राजा को न तो जनता के बीच जाने की हिम्मत है, न ही आलोचना सुनने की।