एमपी में बढ़ा ‘मेलियोइडोसिस’ का खतरा, WHO ने दी चेतावनी, क्या है यह बीमारी और क्यों है चिंता की बात?

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By Raj RathorePublished On: September 23, 2025

मध्यप्रदेश में स्वास्थ्य विभाग के लिए एक नई चुनौती सामने आई है मेलियोइडोसिस। यह एक ऐसा संक्रमण है जो बरसात और नमी के मौसम में तेज़ी से फैलता है और नेशनल हेल्थ मिशन (NHM) ने इसे लेकर अलर्ट भी जारी कर दिया है।

आखिर क्या है मेलियोइडोसिस?

यह बीमारी ‘बर्कहोल्डेरिया स्यूडोमेलाई’ (Burkholderia Pseudomallei) नाम के एक बैक्टीरिया से होती है, जो मिट्टी और पानी में पाया जाता है। पहले यह बीमारी ज़्यादातर दक्षिण-पूर्व एशिया और ऑस्ट्रेलिया में देखी जाती थी, लेकिन अब भारत के कुछ राज्य, खासकर मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और ओडिशा, इसके नए हॉटस्पॉट बनते जा रहे हैं। यही वजह है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने भी इसे “उपेक्षित बीमारियों” की लिस्ट में शामिल किया है।

यह क्यों है खतरनाक?

भोपाल स्थित AIIMS की एक रिपोर्ट बताती है कि पिछले छह सालों में मध्यप्रदेश में 130 से ज़्यादा मामले सामने आए हैं। सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि हर 10 संक्रमित लोगों में से 4 की मौत हो रही है। इस बीमारी के लक्षण अक्सर टीबी (Tuberculosis) जैसे होते हैं, जिसकी वजह से कई बार सही पहचान और इलाज में देरी हो जाती है। जब तक डॉक्टर समझ पाते हैं, तब तक संक्रमण पूरे शरीर में फैल चुका होता है। यही कारण है कि यह बीमारी अब मध्यप्रदेश में एक स्थानिक बीमारी (Endemic) का रूप लेती जा रही है।

किन लोगों को है सबसे ज़्यादा खतरा?

स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, कुछ खास लोगों को इस संक्रमण का सबसे ज़्यादा खतरा है:

किसान: जो धान के खेतों में काम करते हैं और लगातार मिट्टी और पानी के संपर्क में रहते हैं।

डायबिटीज के मरीज़: कमजोर इम्युनिटी के कारण वे आसानी से इसका शिकार बन जाते हैं।

किडनी की समस्या और शराब का सेवन करने वाले लोग: इनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता भी कम होती है।

मध्यप्रदेश के बड़े शहर जैसे भोपाल, इंदौर, रतलाम और सागर में सबसे ज़्यादा मामले दर्ज किए गए हैं।

कैसे फैलता है यह संक्रमण?

यह बैक्टीरिया कई तरीकों से शरीर में प्रवेश कर सकता है:

त्वचा के ज़रिए: अगर आपकी त्वचा पर कोई घाव या कट लगा हो और आप संक्रमित मिट्टी या पानी के संपर्क में आ जाएं।

पानी से: संक्रमित पानी पीने या उससे नहाने से भी यह फैल सकता है।

सांस लेने से: हवा में मौजूद बैक्टीरिया को सांस के ज़रिए अंदर लेने से।

अगर समय पर इलाज न मिले, तो यह बीमारी शरीर में फोड़े (Abscess), फेफड़ों में गंभीर संक्रमण (Pneumonia) और सेप्सिस (Sepsis) जैसी जानलेवा स्थितियां पैदा कर सकती है।

बचाव के लिए क्या करें?

स्वास्थ्य विभाग ने डॉक्टरों को सलाह दी है कि अगर किसी मरीज को लंबे समय से बुखार है या टीबी जैसे लक्षण दिख रहे हैं, तो मेलियोइडोसिस की जांच ज़रूर करें। वहीं, आम जनता से भी अपील की गई है कि बरसात के मौसम में साफ-सफाई का खास ध्यान रखें और गंदे पानी या मिट्टी के सीधे संपर्क से बचें।