दिल्ली : भीषण गर्मी और ऊपर से जल संकट, दिल्ली सरकार को लेकर सुप्रीमकोर्ट ने जताई नाराजगी

sandeep
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दिल्ली में भीषण गर्मी के कारण लोगों की परेशानी बढ़ रही है। इसके साथ ही, जल संकट के मामले में लोग सरकार के प्रति अपनी नाराजगी जता रहे हैं। गर्मी के बीच जल संकट का अधिक बढ़ना लोगों को और भी परेशान कर रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने भी इस मुद्दे पर ध्यान दिया है और दिल्ली सरकार से पूछा है कि उन्होंने इस मामले में क्या कदम उठाए हैं। ऐसे मामलों की वजह से दिल्ली के कई इलाकों में पानी की तकलीफ हो रही है और नागरिकों को हर बार की तरह परेशानी झेलनी पड़ रही है।

गर्मी बढ़ने से कई इलाको में पानी को लेकर यह एक बड़ी समस्या हे। गर्मी के साथ दिल्ली के कई इलाकों में पानी की भारी कमी का सामना हो रहा है। यह समस्या खासकर दिल्ली के बुद्ध नगर क्षेत्र में गंभीरता से उभर रही है। पानी की यह कमी लोगों के रोजगार और आर्थिक गतिविधियों पर भी असर डाल रही है। कुछ लोगों ने आपत्ति जाहिर की है कि अगर पानी सुबह 6:30 बजे तक पहुंच जाए, तो लोगों की आसानी होगी और वे समय पर अपने काम पर पहुंच सकेंगे। कुछ अन्य नागरिकों का कहना है कि पिछले साल भी इसी तरह टैंकर से पानी आता था, लेकिन गर्मियों में लाइनें बढ़ जाती हैं, जिससे समस्या बढ़ जाती है।

दिल्ली सरकार के वकीलों ने दिल्ली पुलिस को अवैध तरीके से पानी को ले जाने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने का आग्रह किया है और इस पर कोर्ट ने दिल्ली सरकार के वकील से सवाल किया है कि क्या उन्होंने पानी की बर्बादी और अवैध तरीके से होने वाली खरीद को रोकने के लिए कुछ किया है। जल मंत्री आतिशी ने दावा किया है कि हरियाणा सरकार दिल्ली के हिस्से का पानी नहीं दे रही है। इस मुद्दे को लेकर याचिका दायर की गई है कि हरियाणा सरकार को हिमाचल प्रदेश से आयात किए गए पानी को दिल्ली के लिए उपलब्ध कराया जाए।

चुनाव से पहले डाली गई पाइप लाइनों के मामले में दिल्ली के कई इलाकों में एक सीरियस समस्या सामने आ रही है। एक नागरिक ने बताया कि वे पाइप लाइनों की स्थापना को स्वीकार करते हैं, लेकिन उनकी अफवाह है कि कुछ लोग पाइप लाइनों को काट कर पानी को अपने लिए अनुपलब्ध करा रहे हैं। यह एक व्यावसायिक और सामाजिक समस्या बन रही है। इसके अलावा, बुद्ध नगर के एक अन्य क्षेत्र में, चुनाव से पहले एक-दो इंच की पाइप लाइन डाली गई थी। लेकिन चुनावों के बाद उसका काम ठप हो गया। लोग अब उसे ना तो संचालित करने के लिए आ रहे हैं और ना ही उससे पानी प्राप्त कर रहे हैं। यह परिस्थिति नागरिकों को पानी की कमी का सामना करवा रही है और नगर के विकास में बाधा डाल रही है।