4 नवंबर से संचालित दमोह शहर के तहसील मैदान में चल रहा स्वदेशी मेला इन दिनों विवादों में घिरा हुआ है। कुछ समुदाय विशेष के व्यापारी, जिन्होंने मेले में दूकान लगाई है उनका कहना है की न्हें यहां से हटाया जा रहा है। मेले के आयोजकों द्वारा सोमवार को प्रतिक्रिया दी गई की विशेष वर्ग के साथ ऐसा कुछ नहीं किया गया। वहीँ दूसरी तरफ वेंडर की तरफ से जो व्यापारी यहाँ दुकान लेकर आए थे, वही वेंडर ही उन्हें वहां से हटाकर कहीं दूसरे मेले में भेज रहा है।
आगरा से अपनी दुकान लेकर आये मोहम्मद राशिद नमक एक व्यापारी ने बताया गया की उन्हें बुलाया गया था। वह मेले से पांच दिन पहले ही यहाँ आ गए थे। करीं 3 – 4 दिन से वे अपनी दुकानें भी चला रहे थे। उन्हें किसी के द्वारा कुछ भी नहीं कहा गया, लेकिन अचानक आयोजन समिति के कुछ लोग रविवार शाम यहाँ पहुंचे और कहने लगे की यहाँ किसी समुदाय विशेष के लोगों को दुकान लगाने की अनुमति नहीं दी गई है और वो अपनी दुकान हटाकर यहाँ से चले जाएँ।
इसके अलावा राशिद ने यह भी बताया की यहां से करीब आठ से 10 दुकानदारों को हटाया गया है। मगर अब तक दुकानदारों द्वारा इस पुरे मामले को लेकर लिखित रूप से कोई भी शिकायत दर्ज नहीं कराई गई है। खुद कलेक्टर सुधीर का भी कहना है की इस पुरे मामले को लेकर उनके पास अब तक कोई भी शिकायत नहीं आई है।
मामले को लेकर सहसंयोजक ने कही ये बात
सहसंयोजक श्रीराम पटेल ने इस पुरे मामले को नकार दिया है। उनका कहना है की इस तरह की कोई भी बात यहाँ नहीं हुई है। उन्होंने साफ़ कहा है की मेला आयोजकों द्वारा वहां से किसी भी व्यापारी को नहीं हटाया गया है। आगे उनका कहना है की इस मेले में जो भी दुकाने आई थी वह वेंडर के माध्यम से आई थीं। वेंडरों ने ही दुकानदारों को किसी दूसरे मेले में शिफ्ट करवाया है।