सावन माह शुरू होते ही भगवान महाकालेश्वर के दर्शनों के लिए हजारों की संख्या में देश भर से भक्तो के मंदिर पहुंचने का सिलसिला जारी है।यही वजह रही कि जिला पुलिस प्रशासन और मंदिर समिति द्वारा पूर्वानुमान लगाकर की गई दर्शन व्यवस्था सुबह पूरी तरह फैल हो गई। हालत यह हो गई कि भीड में दबकर श्रद्धालु बेहोश हुए जिन्हें परिजनों ने जिला अस्पताल में भर्ती करवाया।प्रीतम मीणा पिता अमरसिंह 45 वर्ष और गजेन्द्र सिंह पिता दौलतसिंह 50 वर्ष दोनों निवासी आरोन गुना परिवार के 14 लोगों के साथ बीती रात उज्जैन दर्शन करने आये थे।यहां सुबह 6 बजे सभी लोग चारधाम मंदिर के सामने सामान्य दर्शनार्थियों की कतार में लगे।
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भीड अधिक होने व धक्का-मुक्की के बीच परेशानियों का सामना करते हुए सभी लोग आगे बढ रहे थे तभी पीछे से शोर के साथ भीड का दबाव अत्यधिक बढ गया जिसमें दबने से प्रीत मीणा और गजेन्द्र सिंह बेहोश हो गये।प्रीतम और गजेन्द्र के परिजनों ने बताया दोनों को बडी मुश्किल से बाहर निकालकर चारधाम मंदिर की तरफ ले गये। यहां पुलिसकर्मियों और मंदिर समिति कर्मचारियों से मदद मांगी लेकिन किसी ने नहीं सुनी। हमें पहले से इस बात की जानकारी नहीं थी कि मंदिर दर्शन में इतनी परेशानी आयेगी।भीड में कोई मदद करने वाला भी नहीं मिलेगा नहीं तो यहां आने से पहले 10 बार सोचते। दूसरे लोग भी भीड में दब रहे थे लेकिन पुलिस और गाड्र्स सिर्फ डंडे दिखाकर इधर उधर कर रहे थे न कि व्यवस्था बना रहे थे।प्रशासन द्वारा दावा किया गया था कि महाकाल मंदिर में दर्शनों के लिये बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा के लिये एम्बुलेंस और तुरंत उपचार के लिये डॉक्टरों की टीम को तैनात किया गया है, लेकिन सुबह 6 बजे चारधाम के सामने हुए घटनाक्रम के बाद श्रद्धालुओं ने बताया कि न तो यहां एम्बुलेंस थी और न ही कोई डॉक्टर मौजूद था। दोनों बेहोश व्यक्तियों को परिजन आटो में डालकर जिला चिकित्सालय आये।