विश्वस्तरीय महामारी कोरोना का कहर लोग नही भूले है। लाखों लोगों को अपनी जान गवांनी पड़ी थी। वहीं कोरोना से प्रतिरक्षा के लिए बनाई गई वैक्सीन पर अब सवाल उठने लगें है। हाल ही में पेश रिपोर्ट में दावा किया गया है कि कोविड वैक्सीन कोवीशील्ड लेने के बाद से हार्ट अटैक और ब्रेन स्ट्रोक का खतरा बढ़ा है।
रिपोर्ट में दावा किया गया कि वैक्सीन के साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं. कंपनी ने कोर्ट में पेश दस्तावेजों में दावा किया है कि इसके कम मामले हो सकते हैं. लेकिन लेकिन इससे उलट गंभीर मामले दिख रहें है। कोविशील्ड और वैक्सजेवरिया वैक्सीन के साइड इफेक्ट्स के कारण ही लोगों में हार्ट अटैक और ब्रेन स्ट्रोक का खतरा बढ़ा है।
थ्रोम्बोसिस की बीमारी क्या?
बता दें ब्लड क्लॉटिंग की बीमारी किसी भी व्यक्ति के शरीर में हो सकती है. काफी ज्यादा प्लेन, ऑटोमोबाइल या बस, ट्रेन में घंटों बैठने के कारण यह बीमारी हो सकती है. हालांकि यह बीमारी खतरनाक रूप तब ले लेती है जब ब्लड क्लॉट्स का एक हिस्सा टूट जाता है और फेफड़ों तक पहुंच जाता है. इसे पल्मोनरी एम्बोलिज्म कहते हैं.
गौरतलब है कि भारत में कोविशील्ड वैक्सीन को सीरम इंस्टीट्यूट ने तैयार किया था। रक्त वाहिकाओं में थक्के जमने की खबरों के बीच सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया की ओर से अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। कंपनी पर मुकदमा जेमी स्कॉट ने किया थाए जिन्हें अप्रैल 2021 में एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन लगवाने के बाद कई साइड इफेक्ट का सामना करना पड़ा। इन्ही सुरक्षा चिंताओं के कारण ब्रिटेन में फिलहाल एस्ट्राजेनेका.ऑक्सफोर्ड वैक्सीन के डोज नहीं लगाए जाते हैं।