19 अप्रैल 2024 को महंत सुखदेवानंद ब्रह्मचारी गुरु श्री महंत योगानंद, ब्रह्मचारी श्री शंभू पंच अग्नि अखाड़ा इंदौर और पंडित शरद कुमार मिश्रा, गुरु श्री स्वामी राधाकांताचार्य जी महाराज श्री दुर्गाशक्ति पीठ ने इंदौर हाई कोर्ट में याचिका दायर की। इसमें महाकाल मंदिर के लड्डू प्रसाद के पैकेट पर महाकाल मंदिर, ओंकारेश्वर और ओम की छपाई को गलत बताया गया था। उज्जैन स्थित महाकाल मंदिर में लड्डू प्रसाद के पैकेट पर महाकाल मंदिर की फोटो को लेकर यह विवाद हाई कोर्ट पंहुचा इसे हटवाने की मांग की गई थी। इसे लेकर कोर्ट में दलील दी गई कि लोग प्रसाद खाने के बाद डिब्बों को कूड़ेदान में फेंक देते हैं।
‘यह धर्म के अनुसार अनुचित’
अदालत में कहा कि महाकाल मंदिर प्रबंधन समिति लड्डू प्रसाद बांटती है। इसके बक्से पर महाकाल मंदिर का शिखर है, जिसमें ॐ और शिखर के मध्य में नागचंद्रेश्वर मंदिर का चित्र लगा हुआ है। प्रसाद लेने के बाद लोग खाली पैकेट कूड़ेदान में फेंक देते हैं। लाखों बक्से अयोध्या भेजे गए, जिन्हें बाद में कूड़ेदान में फेंक दिया गया। यह धर्म के अनुसार अनुचित है।
‘मंदिर समिति ने 6 मई तक की समय मांग की’
यह मामला जब हाई कोर्ट पंहुचा उसके बाद मध्य प्रदेश की इंदौर HC बेंच ने मंदिर समिति को 3 महीने के भीतर मामला के निपटान को कहा है। यह मामला सामने आते ही याचिकाकर्ता प्रेस कॉन्फ्रेंस करने के लिए उज्जैन आए, लेकिन उससे पहले ही मंदिर समिति के प्रशासक ने याचिकाकर्ता के वकीलों को बुलाया और 6 मई तक की समय सीमा की मांग की। मंदिर समिति अब 6 मई को होने वाली प्रबंधन समिति की बैठक में लड्डू के पैकेट के लिए निर्णय लेगी।