Indore News : ट्रैफिक के लिए ठोस कार्य योजना तैयार, 20 साल बाद हमारे बच्चे 4-4 घंटे ट्रैफिक में बिताए ये मंजूर नहीं – सांसद लालवानी

Shivani Rathore
Published:

50 सालों के बाद इंदौर के ट्रैफिक जरूरतें क्या होगी इस पर सांसद शंकर लालवानी ने एक बड़ी बैठक आयोजित करवाई जिसमें साल 2042 तक की ठोस कार्य योजना पर बात हुई और आने वाले 30 सालों के लिए कई चीजों पर सैद्धांतिक सहमति भी बनाई गई।

दिल्ली की एक बड़ी कंसल्टेंसी फर्म ने इंदौर के लिए एक कंप्रिहेंसिव मोबिलिटी प्लान बनाया जिसका प्रेजेंटेशन शुक्रवार को आयोजित बैठक में दिया गया। इस स्टडी के मुताबिक साल 2042 में इंदौर की आबादी 74 लाख से भी ज्यादा होगी। इतनी तेजी से बढ़ती हुई जनसंख्या के लिए ट्रैफिक को दुरुस्त करना बेहद जरूरी है। शुक्रवार को कलेक्टर कार्यालय में एक बेहद डिटेल प्रेजेंटेशन इस विषय पर दिया गया।

इस प्रेजेंटेशन में शहर के लैंड यूज और ट्रांसपोर्ट इंटीग्रेशन, रोड नेटवर्क स्ट्रेटेजी, पब्लिक ट्रांसपोर्ट एवं इंटरमीडिएट पब्लिक ट्रांसपोर्ट सिस्टम, नॉन मोटराइज़्ड ट्रांसपोर्ट, ट्रेफिक इंजीनियरिंग एंड मैनेजमेंट, पार्किंग मैनेजमेंट और इसके लिए आवश्यक टेक्नोलॉजिकल उपाय जैसे आठ प्रमुख विषयों को कवर किया गया।

इस स्टडी के मुताबिक शहर के कोर सिटी एरिया को डीकन्जेस्ट करना और शहर का विकास इस तरीके से करने पर जोर दिया गया कि शहर के हर हिस्से में बुनियादी सुविधाएं और रोजमर्रा के काम की चीजें उपलब्ध हो ताकि व्यक्ति को कोर सिटी एरिया में ना जाना पड़े। इसके लिए शहर के अलग-अलग इलाकों में सब सिटी सेंटर डिवेलप किए जाए। इस डिटेल सर्वे में शहर में करीब 940 स्क्वायर किलोमीटर सड़कों की जरूरत बताई गई। साथ ही शहर की रिंग रोड को पूरा करने, उज्जैन से इंदौर और इंदौर से महू पीथमपुर तक मेट्रो ट्रेन चलाने और शहर में कुल 107 नए फ्लावर या रोड ओवर ब्रिज की जरूरत बताई गई।

स्टडी के मुताबिक शहर में 35% से ज्यादा लोग अपनी टू व्हीलर का इस्तेमाल करते हैं वही कार चलाने वाले लोगों की संख्या 7:30 प्रतिशत है करीब 20% लोग सिटी बसों का इस्तेमाल करते हैं वहीं 12 परसेंट लोग अब भी ऑटो रिक्शा का इस्तेमाल करते हैं पैदल चलने वालों की संख्या करीब 23 परसेंट है वही दो परसेंट लोग साइकिल का इस्तेमाल करते हैं।

सर्वे में सबसे दिलचस्प बातों में यह भी था कि शहर में इस वक्त इंटरसिटी टर्मिनल नहीं है इसलिए पांच नए इंटरसिटी टर्मिनल बनाया जाए। साथ ही मल्टीमॉडल हब बनाने की बात भी कही गई है। मल्टीमॉडल हब यानी जहां पर शहर में मौजूद यातायात के सभी साधन एक जगह पर उपलब्ध हो जैसे मेट्रो, सिटी बस मैजिक एवं इलेक्ट्रॉनिक रिक्शा। इसके अलावा शहर में 822 बस स्टॉप भी प्रपोज किए गए हैं।

शहर की जनसंख्या को देखते हुए साल 2042 तक करीब 3,000 सिटी बसों की आवश्यकता होगी। इस सर्वे को करने वाली एजेंसी के मुताबिक हर एक लाख की आबादी पर 40 से होनी चाहिए लेकिन भारत के किसी भी शहर में इस अनुपात में बसे नहीं है।

इस सर्वे के महत्वपूर्ण बिंदु में से एक यह भी है कि शहर में लिंक रोड का काफी अभाव है जैसे अगर उज्जैन से किसी को देवास रोड पर जाना हो तो उसके लिए शहर में आने की आवश्यकता नहीं होनी चाहिए। इस स्टडी के मुताबिक अगर शहर में ठीक ढंग से लिंक रोड भी बना दिया जाए तो शहर के अंदर आने वाले बहुत सारे ट्रैफिक के दबाव को कम किया जा सकता है।

सर्वे के मुताबिक एक बेहद दिलचस्प बात यह भी निकल कर आई कि बढ़ती आबादी के साथ शहर के अंदर माल ढुलाई की समस्या भी बड़ी होती जाएगी और उसके लिए लगातार ट्रक अंदर आएंगे। देवास नाका और भंवरकुआं जैसे ट्रकों के बड़े हब पहले से ही शहर के अंदर आ चुके हैं। ऐसे में आबादी बढ़ने के साथ ट्रकों की संख्या भी बढ़ेगी और इससे हादसों का डर लगातार बना रहेगा। इसके लिए जरूरी है कि शहर के मास्टर प्लान के साथ शहर में माल ढुलाई की व्यवस्था भी इंटीग्रेटेड हो। केंद्र सरकार ने इस विषय पर नेशनल लॉजिस्टिक पॉलिसी भी लांच की है जिसके मुताबिक हर शहर को अपना एक लॉजिस्टिक प्लान बनाना जरूरी है। जिसमें मंडी गोडाउन एवं लॉजिस्टिक सुविधाओं के लिए शहर से बाहर नियत जगह बनाना जरूरी है।

सांसद शंकर लालवानी ने कहा कि इस स्टडी के मुताबिक कुछ एक प्रमुख बिंदु है जिसमें इंदौर से उज्जैन एवं इंदौर से महू एवं पीथमपुर के लिए मेट्रो चलाना आवश्यक है। सांसद लालवानी ने कहा कि यह विषय उन्होंने माननीय मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान जी के सामने उठाया है और इस पर पत्र भी लिखा है। इस स्टडी से साफ है कि इंदौर से उज्जैन एवं इंदौर से महू पीथमपुर तक मेट्रो रेल चलाई जा सकती है और यह कामयाबी होगी।

साथ ही, सांसद लालवानी ने यह भी बताया कि इस स्टडी में शहर के रिंग रोड को पूरा करने की बात कही गई है यानी इंदौर के पूर्वी हिस्से में तो रिंग रोड है लेकिन पश्चिमी हिस्से में ना तो रिंग रोड है और ना ही बायपास है। इसके लिए सांसद शंकर लालवानी केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से मिल चुके हैं और इस पर एक विस्तृत कार्ययोजना भी बन चुकी है।

साथ ही सांसद शंकर लालवानी ने वर्तमान में मौजूद बाईपास के अलावा एक और बाईपास बनाने की मांग भी केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से की थी जिस पर मंत्रालय विचार कर रहा है। बैठक में महापौर पुष्यमित्र भार्गव, विधायक रमेश मेंदोला, मालिनी लक्ष्मण सिंह गौड़, आकाश विजयवर्गीय, पूर्व विधायक सुदर्शन गुप्ता, जिलाधीश इलैया राजा सहित वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।