इंदौर ( ndore News) : आयुक्त सुश्री प्रतिभा पाल ने बताया कि इंदौर बायपास के दोनो ओर 4-4 लेन के सर्विस रोड पर निगम द्वारा कन्ट्रोल एरिया में निर्मित ढाबे, रेस्टोरेन्ट, होटल, शो रूम, मैरिज गार्डन व अन्य निर्माण जो कि कन्ट्रोल एरिये से 45 मीटर के अंदर बने अवैध निर्माण एवं नगर निगम की बिना अनुमति के किये गये निर्माण ,नियमानुसार निर्धारित उपयोग से पृथक उपयोग करना या गतिविधियां की जा रही है एवं टाउन एंडकन्टी प्लानिंग द्वारा चिंहाकित कर उनकी अनुमतियों को निरस्त/स्थगित किया गया। ऐसे निर्माण कार्य का निगम द्वारा सर्वे करने के उपरांत कार्यवाही के लिए अपर आयुक्त श्री संदीप सोनी को निर्देश दिये गये थे, जिसके तहत निगम द्वारा बायपास के क्षेत्र जिनमें झोन 8, 10, 13 व 19 में सर्वे किया जाकर नियमों के विपरित किये गये 650 से अधिक निर्माण चिन्ह अंकित किए गए हैं जिन्हें नोटिस जारी किये जा रहे है।
आयुक्त सुश्री पाल के निर्देश पर अपर आयुक्त श्री संदीप सोनी के निर्देशन में बायपास के आस-पास निगम सीमा में कराये गये सर्वे कार्य के पश्चात 650 से अधिक निर्माण जिसमें ढाबे, रेस्टोरेन्ट, होटल, मेरिज गार्डन, शो रूम व अन्य के विरूद्ध नोटिस जारी किये जा रहे है, जिसमें निगम द्वारा नोटिस जारी करने के पश्चात संबंधितो द्वारा दस्तावेज प्रस्तुत करने पर दस्तावेज की जांच कर संबंधितो पर नियमानुसार वैधानिक कार्यवाही की जावेगी।
आयुक्त सुश्री पाल ने बताया कि इंदौर बायपास का कुछ भाग जो इंदौर निवेश क्षेत्र में तो शामिल है किंतु नगर निगम सीमा के बाहर स्थित है, जिनमें ग्राम राउ, मांगलिया , अरंडिया मिर्जापुर, रालामंडल, अरण्डिया व अन्य ग्राम है इनमें किए गए अवैध निर्माणों पर कार्य करने कार्यवाही करने तथा निर्माणों पर रोक लगाने के संबंध में कलेक्टर महोदय को पत्र प्रेषित किया गया है।
विदित हो निगम द्वारा विगत दिवसो से बायपास समानांतर के किये गये निर्माण का सर्वे किया गया है, जिसके अंतर्गत कन्ट्रोल एरिये से 45 मीटर के अंदर बने अवैध निर्माण एवं नगर निगम की बिना अनुमति के विपरीत किये गये निर्माण ,नियमानुसार निर्धारित उपयोग से पृथक उपयोग करना या गतिविधियां की जा रही है एवं टाउन एंड कन्टी प्लानिंग द्वारा अनुमतियां चिंहाकित कर उनको निरस्त/ स्थगित किया गया। ऐसे निर्माणो का निगम द्वारा सर्वे कर नगर पालिक निगम अधिनियम 1956 एवं भूमि विकास नियम 2012 के अंतर्गत कार्यवाही की जा रही है। निगम के भवन अधिकारी व भवन निरीक्षको के किये गये सर्वे कार्य का आयुक्त द्वारा निरीक्षण भी किया गया था व कार्रवाई करने हेतु आवश्यक दिशा-निर्देश दिये गये थे।