दमोह। प्रदेश के दमोह जिले में हिंदू लड़कियों को हिजाब पहनाने का मामला सामने आने के बाद से ही राजनीति भी शुरू हो गई है। दरअसल, एक निजी स्कूल में हिंदू लड़कियों को हिजाब पहनाने के पोस्टर वायरल होने के बाद हड़कंप मच गया है। गंगा-जमुना स्कूल में लगे पोस्टर में हिंदू टॉपर छात्राओं को हिजाब में दिखाया गया है। छात्रों के परीक्षा परिणाम का एक पोस्टर लगा था, जिसमें हिंदू छात्राएं भी हिजाब पहने दिख रही हैं।
इस पोस्टर के वायरल होने के बाद स्कूल पर धर्मांतरण के आरोप लगने लगे हैं। हालांकि, स्कूल संचालक का कहना है कि छात्राओं ने स्कार्फ बांध रखा है, जो यूनिफॉर्म का हिस्सा है। पोस्टर वायरल होने के बाद गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने आपत्ति जताते हुए जांच के आदेश दिए थे। अब इस मामले पर प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की भी प्रतिक्रिया सामने आई है।
हिजाब मामले में शिवराज सिंह चौहान ने भी नाराजगी जताई है। उन्होंने दमोह कलेक्टर को पूरे मामले की जांच करने के निर्देशदिए हैं। मुख्यमंत्री ने दमोह में हिजाब मामले में नाराजगी व्यक्त की है और दमोह कलेक्टर को हिजाब मामले की पूरी जांच के निर्देश दिए है। भोपाल से विधायक रामेश्वर शर्मा की मांग है कि गंगा जमुना स्कूल की आतंकी संगठन और PFI से कनेक्शन की जांच हो। विधायक रामेश्वर शर्मा ने कहा कि स्कूल की मान्यता रद्द की जाए और FIR कर जिम्मेदारों को जेल भेजें।
Also Read – छत्तीसगढ़ चुनाव से पहले कांग्रेस के सामने बड़ी चुनौती, पद्मश्री अनुज शर्मा समेत 52 हस्तियां भाजपा में शामिल
बुधवार को हिंदूवादी संगठनों ने ज्ञापन सौंपकर करवाई की मांग की है। इस मामले ने सांप्रदायिक रूप ले लिया है। राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने दमोह के डीएम और एसपी को मामले की जांच कर रिपोर्ट तलब किया है। पूरा विवाद इसी कपड़े को लेकर शुरू हुआ है। इससे पहले स्कूल पर धर्मांतरण के आरोप लग चुके हैं।