सीएम डॉ. यादव ने दी जानकारी, राजस्व ग्रामों के रूप में बदले 792 वन ग्राम, नक्सा तैयार करने की प्रक्रिया शुरू

Abhishek singh
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मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने बताया कि राज्य में छह महीने के विशेष अभियान के तहत 792 वन ग्रामों को राजस्व ग्रामों में बदलने की प्रक्रिया पूरी कर ली गई है। संबंधित कलेक्टरों द्वारा इस संबंध में अधिसूचना जारी की गई है। इनमें बैतूल के 91, डिंडौरी के 86, मंडला के 75, खरगौन के 65, बड़वानी के 64, खंडवा के 51, सीहोर के 49, छिंदवाड़ा के 48, बालाघाट के 46, हरदा के 42, बुरहानपुर के 37, सिवनी के 28, नर्मदापुरम के 24, भोपाल के 14, धार के 13, देवास के 12, सिंगरौली के 11, नरसिंहपुर के 10, रायसेन के 7, टीकमगढ़ और जबलपुर के 5-5, सागर के 4, और विदिशा, राजगढ़, इंदौर, कटनी और गुना के 1-1 गांव शामिल हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में कुल 827 वन ग्राम थे, जिनमें से 792 को राजस्व ग्रामों में परिवर्तित कर दिया गया है। बाकी 35 वन ग्राम या तो वीरान/विस्थापित हो चुके थे या डूब क्षेत्र में आते थे, इसलिए उनका रूपांतरण नहीं किया गया। इस प्रकार, विस्थापित ग्रामों को छोड़कर राज्य के सभी वन ग्रामों को राजस्व ग्रामों में बदल दिया गया है। इन 792 ग्रामों के राजस्व नक्से का काम अब राजस्व विभाग द्वारा शुरू कर दिया गया है, जिससे ग्रामवासियों को अब बड़ी सहूलत मिलेगी।

नए राजस्व ग्रामों में मिलेगी यह सुविधा

मुख्यमंत्री ने बताया कि जब वन ग्रामों को राजस्व ग्रामों में परिवर्तित किया जाएगा, तो ग्रामवासियों को कई नई सुविधाएं और विकास के अवसर मिलेंगे। नामांतरण और बंटवारे के साथ-साथ फसलों की गिरदावरी भी संभव होगी। इसके अलावा, प्राकृतिक आपदाओं के दौरान फसल बीमा योजना का लाभ मिलेगा, आंगनवाड़ी और विद्यालय भवनों की स्वीकृति हो सकेगी, और स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार होगा। बिजली, पानी, सड़क, तालाबों जैसी बुनियादी सुविधाओं का निर्माण भी संभव होगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने यह भी कहा कि ग्राम सभा के माध्यम से वनवासियों के कल्याण के लिए कार्य किए जाने के नए अवसर मिलेंगे।