नई दिल्ली- भारत सरकार ने सोमवार को ही 59 चीनी ऐप को प्रतिबंधित किया, उसके साथ ही अब भारत सभी हाइवे प्रोजेक्ट्स में चीनी कंपनियों को बैन करने की तैयारी कर रहा है| केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने यह जानकारी दी कि चीनी कंपनियों को संयुक्त उद्यम पार्टनर के रूप में भी काम नहीं करने दिया जाएगा|
इसके पहले रेलवे के कई ठेकों से चीनी कंपनियों को बाहर कर दिया गया था| इसके अलावा सरकार ने 59 चीनी ऐप को प्रतिबंधित कर दिया है, और अब सरकार हाइवे प्रोजेक्ट्स में चीनी कंपनियों को बैन करने की तैयारी में है|
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि सरकार यह भी सुनिश्चित करेगी कि सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (MSMEs) के विभिन्न क्षेत्रों में चीनी निवेशकों से कोई रिश्ता न रखा जाए| बता दे कि, पिछले महीने ही भारत-चीन नियंत्रण रेखा पर हुई हिंसक झड़प में हमारे देश के 20 वीर जवान शहीद हुए थे, जिसके बाद से ही देश में चीन विरोधी माहौल है| जनता के आक्रोश ने चीनी कंपनियों और चीनी माल का बहिष्कार कर प्रदर्शन किया था|
न्यूज एजेंसी पीटीआई को दिए एक इंटरव्यू में गडकरी ने कहा, ‘हम सड़क निर्माण में चीनी कंपनियों को जॉइंट वेंचर बनाने की इजाजत भी नहीं देंगे| वे यदि हमारे देश में संयुक्त उद्यम के द्वारा आते हैं तो हम सख्त रवैया अपनाते हुए इसकी इजाजत भी नहीं देंगे’|
साथ ही उन्होंने कहा कि इस बारे में सरकार जल्दी ही एक नीति लेकर आएगी जिसके द्वारा चीनी कंपनियों को बैन किया जाएगा और भारतीय कंपनियों के लिए नरम नीति बनाई जाएगी ताकि भारतीय कंपनियां हाइवे प्रोजेक्ट के लिए बोली लगा सकें|
गौरतलब है कि फिलहाल देश के कुछ इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट में चीनी कंपनियां साझेदार के रूप में काम कर रही हैं| लेकिन गडकरी का कहना हे की इसके बाद या भविष्य के किसी भी प्रोजेक्ट चीनी कंपनियों को नहीं दिया जायेगा|