दुनिया में एक न के बराबर कोरोना के मामले सामने आ रहे हैं। वही चीन में जीरो कोविड पॉलिसी के तहत कई इसको में हजारों की संख्या में केस सामने आ रहे है। इस पॉलिसी की वजह से भारी संख्या में लोग सड़कों पर उतर आए हैं। इसी के साथ कई स्थानों पर अभी भी लॉकडाउन की स्थिति बनी हुई है।
भारत में इस वक्त कोरोना के काफी कम और 300-400 मामले रोजाना देखे जा रहे हैं। हालांकि चीन में बढ़ते मामलों के चलते एक बार फिर भारत में कोरोना के मामले (Corona Cases) बढ़ने की आशंका भी पैदा हो गई है।
जानकारों का ये कहना है
इस बारे में स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि चीन में कोरोना फैलने की उनकी अपनी कई वजहें हैं लेकिन फिर भी इसका असर भारत पर नहीं पड़ेगा ऐसा नहीं कहा जा सकता। देर-सबेर भारत में भी कोरोना के केसेज में बढ़ोत्तरी हो सकती है। दिल्ली स्थित ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (AIIMS) के पूर्व निदेशक डॉ. एमसी मिश्र कहते हैं कि, अगर डेल्टा जैसा कोई नया वेरिएंट (Corona Variant) नहीं आया तो फिर चीन में बढ़ते आंकड़ों का भारत पर खास असर नहीं पड़ेगा।
इम्यूनिटी नही हुई विकसित
डॉ. मिश्र कहते हैं कि चीन को उसकी जीरो कोविड पॉलिसी का ही नुकसान हुआ है। वहां लोग कोरोना के हल्के वेरिएंट जैसे ओमिक्रॉन आदि से संक्रमित नहीं हुए और उनमें कोरोना के खिलाफ हर्ड इम्यूनिटी (Herd Immunity) नहीं विकसित हो पाई। इसके अलावा चीन में वैक्सीनेशन बहुत ही कम हुआ है। वहां की अधिकांश जनसंख्या को कोरोना का टीका ही नहीं लगा है, ऐसे में कोरोना के किसी भी वेरिएंट का संक्रमण उनके लिए खतरनाक हो सकता है।
सुपर इम्यूनिटी हुई विकसित
जहां तक भारत की बात है तो यहां कोरोना वैक्सीनेशन बेहतरीन हुआ है। बूस्टर डोल भी बहुत सारे लोग ले चुके हैं। अभी भी यहां वैक्सीन उपलब्ध है अगर लोग चाहें तो वैक्सीन की बूस्टर डोज लगवा सकते हैं। इसके अलावा ओमिक्रोन से संक्रमण के बाद यहां के लोगों में हर्ड इम्यूनिटी बनी और वैक्सीनेशन के बाद सुपर इम्यूनिटी विकसित हो चुकी है। लिहाजा अगर नया वेरिएंट नहीं आता है तो यहां चीन के आंकड़ों से विशेष असर नहीं पड़ेगा, हां कोरोना के केसेज की संख्या में कुछ बढ़ोत्तरी हो सकती है।