बचपन तय करता है हमारा भविष्य, कद्र और सहायता करना सिखाएं अपने बच्चों को, जानें कुछ पेरेंटिंग टिप्स

Meghraj
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‘बचपन, भविष्य का एक अहम हिस्सा है’ यह कहावत अपने आप में कई अर्थों को समेटे हुए है। आपको जानकार हैरानी होगी कि हमारा बचपन ही कई हद तक हमारा भविष्य तय करता है। हम जाने-अनजाने में ऐसी कई गलतियां कर जातें है जिसका प्रभाव ताउम्र हमारे साथ रहता है। मगर, बचपन में हमें इतना कुछ पता नहीं होता है। इसीलिए पेरेंट्स के लिए यह अहम हो जाता है कि किस तरह अपने बच्चें की परवरिश करें।

माता-पिता काफी हद तक अपने बच्चें के भविष्य को तय करते है। बचपन के दौर में बच्चे ज्यादातर समय अपने माता-पिता के साथ ही व्यतीत करते है। वह जो भी सीखते है, उन्हीं से सीखते है। जैसा कार्य करते है, उसमें उनके पेरेंट्स का अहम रोल होता है। इसीलिए माता-पिता के लिए यह अहम हो जाता है कि वह किस तरह अपने बच्चे की परवरिश करें। आइए जानते है कुछ पेरेंटिंग टिप्स।

हर पेरेंट्स को जानना चाहिए ये बातें:

सभी की सहायता करें: हर पेरेंट्स को अपने बच्चों को यह सिखाना चाहिए कि वे सिर्फ अपने माता-पिता ही नहीं बल्कि सभी की सहायता करें। घर-परिवार के सभी सदस्य और अपने दोस्तों में किसी की मदद करने से पीछे नहीं हों। सभी की सहायता करना बच्चों को उनके साथ एक गहरा संबंध बनाता है।

जाने बच्चे का मजबूत और कमजोर पक्ष: एक बच्चा अपनी कम उम्र में अपने मजबूत और कमजोर पक्ष को नहीं पहचान सकता। इसीलिए यह पेरेंट्स की जिम्मेदारी है कि वह बच्चे के मजबूत और कमजोर पक्ष को पहचान कर उस पर कार्य करें। उसके मजबूत पक्ष में उसे और बेहतर बनाए और उसकी कमजोरी को दूर कर उस ज्यादातर कार्य में निपुण बनाए।

सम्मान करना सिखाएं: माता-पिता को बच्चों को यह सिखाना चाहिए कि वह सभी का सम्मान करें। अपने घर के सभी बड़े सदस्यों और आस-पास के लोगों का सम्मान करें। इसके साथ यह भी बताएं कि सिर्फ इंशान ही नहीं हम जिन वस्तु का इस्तेमाल करते है, उनका भी सम्मान करें। बच्चों को सभी के साथ शिष्टता और सम्मान के साथ बात करना सिखाएं।

सिर्फ किताब नहीं खेल-कूद भी जरुरी: हर माता-पिता को यह जानना होगा कि बच्चों के लिए सिर्फ किताब नहीं खेल-कूद भी जरुरी है। खेल-कूद से वह सिर्फ शारीरिक नहीं जबकि मानसिक तौर से भी मजबूत होते है।