प्रदेश में ”महिला कृषकों के लिये उपयुक्त सहयोगी कृषि उपकरण विषय पर 22 सितंबर से 24 सितंबर तक आयोजित तीन दिसवीय प्रशिक्षण कार्यक्रम“ सम्पन्न हुई। यह प्रशिक्षण कार्यक्रम विकासखंड धरसीवां के ग्राम सिलतरा में किया गया। प्रशिक्षण कार्यक्रम केन्द्रीय कृषि मशीनरी प्रशिक्षण एवं परीक्षण संस्थान, ट्रैक्टर नगर, बुदनी मध्यप्रदेश, राज्य स्तरीय कृषि यंत्र परीक्षण प्रयोगशाला रायपुर, कृषि विज्ञान केन्द्र रायपुर एवं इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय रायपुर के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित की गई थी।
प्रशिक्षण कार्यशाला के पहले दिन पंजीयन उपरांत प्रशिक्षण की रूपरेखा से अवगत कराया गया तथा बुदनी में वर्ष भर होने वाले आवासीय प्रशिक्षणों के संबंध में जानकारी दी गयी। कार्यशाला में बताया गया कि प्रशिक्षण प्राप्त करके ना सिर्फ महिलायें बल्कि गांव के युवा वर्ग ग्रामीण आजीविका का एक नया साधन स्वयं के लिये बना सकते हैं। ये प्रशिक्षण कार्यक्रम निशुल्क रहते हैं तथा तिथिवार प्रशिक्षण कैलेंडर संस्थान की वेबसाईट https://fmttibudni.gov.in/index.php/en/ में उपलब्ध रहता है। यह संस्थान भारत सरकार के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के अंतर्गत आता है। प्रशिक्षण के दौरान बताया गया कि वर्ष 1955 से किसानों के हित व कृषि क्षेत्र में मशीनीकरण को बढ़ावा देने का कार्य इस संस्थान द्वारा किया जा रहा है। महिलाओं हेतु उपयोगी कृषि उपकरणों की भी जानकारी दी गई।
प्रशिक्षण के दूसरे दिन निंदाई-गुड़ाई एवं उद्यानिकी फसलों के लिए उपयोग किये जाने वाले उपकरणों जैसे खुरपी, सेरेटेड हंसिया, हैण्ड हो, सिकेटियर, ट्री प्र्रुनर, हेज सियर (कैंची) आदि के उपयोग के संबंध में विस्तार से बताया गया। साथ ही छिड़काव के लिये उपयोग होने वाले सभी प्रकार के स्प्रेयर जैसे कि हैण्ड स्प्रेयर, हस्तचलित नैपसेक स्प्रेयर, बैटरी चलित नैपसेक स्प्रेयर, इंजन चलित नैपसेक स्प्रेयर के विषय में भी प्रदर्शन कर विस्तृत जानकारी दी गई।
प्रशिक्षण के तीसरे दिन महिलाओं को इंजिन चलित वीडर जिसका उपयोग निंदाई के लिए, ब्रश कटर जिसका उपयोग झाड़ियों की कटाई-छंटाई के लिए, डिबलर जिसका उपयोग बीजों को उचित दूरी पर बोने की जानकारी दी गई। वहीं चाफ कटर, मिनी राईस मिल मसाला मशीन के विषय में बताया गया। प्रशिक्षण के दौरान महिलाओं द्वारा पूछे गये प्रश्नों का समाधान भी किया गया। प्रशिक्षण कार्यक्रम में सिलतरा एवं आसपास के गांव मटिया, बरबंदा, टांडा, नेउरडीह आदि की कृषक उत्पादक संगठन एवं समूह से जुड़ी लगभग 250 महिलाओं ने भाग लिया।