मोदी कैबिनेट का बड़ा फैसला, देशभर में खुलेंगे नए केंद्रीय और नवोदय विद्यालय, जानें किस राज्य को मिले कितने स्कूल?

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By Srashti BisenPublished On: December 7, 2024
Modi Cabinet Decision

Modi Cabinet Decision: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली कैबिनेट ने हाल ही में एक अहम फैसला लिया, जिसके तहत देशभर में 85 केंद्रीय विद्यालय (KV) और 28 नवोदय विद्यालय (NV) खोलने की मंजूरी दी गई है। इस कदम से गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का लाभ अब देश के दूरदराज इलाकों तक पहुंच सकेगा, जिससे हर बच्चे को शिक्षा प्राप्त करने का अवसर मिलेगा।

प्रधानमंत्री मोदी ने दी जानकारी

प्रधानमंत्री मोदी ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर इस निर्णय की जानकारी दी। उन्होंने लिखा, “राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुरूप हम स्कूली शिक्षा को समाज के हर वर्ग तक पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसी दिशा में हमने देशभर में 28 नए नवोदय विद्यालयों की मंजूरी दी है, जिससे आवासीय और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का विस्तार होगा।”


एक अन्य ट्वीट में उन्होंने कहा, “हमने स्कूली शिक्षा को और सुलभ बनाने के लिए 85 नए केंद्रीय विद्यालयों को खोलने का बड़ा निर्णय लिया है। इससे विद्यार्थियों को बहुत लाभ होगा और रोजगार के नए अवसर भी सृजित होंगे।”

जम्मू-कश्मीर और अरुणाचल प्रदेश में सबसे ज्यादा विद्यालय

इस फैसले के तहत, सबसे अधिक केंद्रीय विद्यालय जम्मू-कश्मीर में खोले जाएंगे। जम्मू-कश्मीर में 13 नए केंद्रीय विद्यालयों का निर्माण होगा। वहीं, नवोदय विद्यालयों में से 8 विद्यालय अरुणाचल प्रदेश में स्थापित किए जाएंगे। केंद्र सरकार इन विद्यालयों की स्थापना के लिए आगामी 8 वर्षों में कुल 8,000 करोड़ रुपये खर्च करेगी। ये सभी विद्यालय पीएम-श्री स्कूलों के रूप में कार्य करेंगे, जिससे छात्रों को बेहतर शिक्षा मिल सकेगी।

85 केंद्रीय विद्यालय 19 राज्यों में स्थापित होंगे

केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इस निर्णय के बारे में बताया कि 85 नए केंद्रीय विद्यालय 19 राज्यों में खोले जाएंगे। इनमें दिल्ली के खजूरी खास में भी एक केंद्रीय विद्यालय स्थापित होगा। इन विद्यालयों के उद्घाटन से 82,000 से अधिक छात्रों को शिक्षा प्राप्त करने का अवसर मिलेगा।

इन विद्यालयों के खुलने से न केवल विद्यार्थियों को शिक्षा का अवसर मिलेगा, बल्कि रोजगार के भी नए अवसर पैदा होंगे। इस कदम से शिक्षा के क्षेत्र में विकास होगा और देशभर में शैक्षिक समानता सुनिश्चित की जाएगी।

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