फफूंद से तैयार होता है ये दुनिया का सबसे महंगा इत्र, कीमत जान चौंक जायेंगे आप

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By Bhawna ChoubeyPublished On: June 18, 2023

इत्र का इस्तेमाल सालों साल से लगातार किया जा रहा हैं। क्या आपको पता हैं इत्र से न सिर्फ आपका शरीर सुंगंधित होता हैं। बल्कि ये कई तरह की बिमारियों से आपको दूर रखता हैं। आज हम आपको दुनिया के सबसे महंगे इत्र के बारें में बताने जा रहें हैं। जिसे अमिर से अमिर व्यक्ति इस्तेमाल करता हैं। क्या आपको पता है इस महंगे इत्र को बनाने के लिए फफूंद का इस्तेमाल किया जाता है। यहां बात हो रही है अगरवुड की, जिसे अकीलारिया पेड़ की छाल से बनाया जाता है। अगर मीडिया रिपोर्ट की माने तो उसे बनाने के लिए पेड़ों को उसकी छाल से अलग कर दिया जाता है और किसी नम जगह पर इसे छोड़ दिया जाता है ताकि इस हद तक सड़ जाए कि इस पर फफूंद लग जाए।

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ऐसा कहा जाता है कि जब यह छाल छोड़ती है। तो इस तरह का चिपचिपा पदार्थ से निकल कर आता है। जिसके बाद प्रोसेस करके उसका तेल बनाया जाता है और इसी से परफ्यूम भी बनाया जाता है। आपको बता दें, इस इत्र को बनाने वालों की माने तो यह लोग जंगल में मौजूद पुराने पेड़ों पर ज्यादा ध्यान देते हैं। क्योंकि ये बहुत जल्दी सड़ती है जिस कारण उस पर फफूंद भी जल्दी लग जाती है। एक अच्छी क्वालिटी की इत्र के लिए आपको कम से कम 40 साल पुराने पेड़ का इस्तेमाल करना पड़ता है। जितनी सड़ी फफूंद रहेगी इत्र में उतनी ही अच्छी सुगंध आएगी। इसके 1 किलोग्राम की कीमत लगभग 25 लाख या उससे भी ज्यादा होती है।

इस तरह तैयार होता हैं इत्र

इस लकड़ी से बना परफ्यूम एकदम इत्र की परिभाषा पर खरा उतरता है। इत्र को बनाने के लिए लकड़ी की छाल को पहले जलाया जाता है। फिर उस से निकलने वाले तेल से खुशबू तैयार की जाती है। इस छाल से बनने वाले इत्र की खुशबू का अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं कि इसे प्राचीन काल से ही देशों में वुड ऑफ द गॉड के नाम से जाना जाता हैं।

अगर बात करें इस पेड़ की तो इसे दक्षिण एशिया, दक्षिण पूर्व एशिया और पापुआ न्यू गिनी में उगाया जाता है। इस चित्र का व्यापार मध्यकाल में मध्यपूर्व और एशिया के बीच किया जाता है। इसका उल्लेख चीनी राजवंश और पहले समय से अरब देशों में भी इसका जिक्र देखने को मिला करता था।