
जम्मू और कश्मीर के पुंछ ज़िले में आतंकवाद को हवा देने की एक बड़ी साजिश नाकाम कर दी गई है। पुंछ के खानतर क्षेत्र में सुरक्षा बलों को ड्रोन से गिराए गए हथियारों और विस्फोटकों का एक बड़ा जखीरा मिला है। बरामदगी ऐसे समय में हुई है जब अमरनाथ यात्रा और स्वतंत्रता दिवस से पहले सुरक्षा एजेंसियां पहले से ही हाई अलर्ट पर हैं। यह खेप भारत-पाक नियंत्रण रेखा (LoC) से सटे पुंछ जिले के बेहद संवेदनशील इलाके में मिली है, जो आतंकवादियों के पारगमन और घुसपैठ की कोशिशों के लिए जाना जाता है। हथियारों की बरामदगी उस समय हुई जब सेना की रोमियो फोर्स और पुंछ पुलिस की स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (SOG) ने संयुक्त तलाशी अभियान चलाया।
बरामद हथियारों में चीनी ग्रेनेड
सुरक्षा बलों द्वारा बरामद खेप में जो हथियार और उपकरण पाए गए हैं, वे बेहद खतरनाक और रणनीतिक तौर पर चिंताजनक हैं। इसमें शामिल हैं:

6 चीनी निर्मित ग्रेनेड
2 पाकिस्तान निर्मित पिस्तौल
3 पिस्तौल मैगज़ीन
एक अंडर बैरल ग्रेनेड लॉन्चर (UBGL)
एक इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (IED)
एक रिमोट कंट्रोल डिवाइस
इस तरह की खेप का गिरना इस बात का संकेत है कि पाकिस्तान की तरफ से आतंकियों को फिर से सक्रिय करने की साजिश की जा रही है। ड्रोन का इस्तेमाल कर सीमापार से हथियार गिराना अब आतंकवादियों की एक नई रणनीति बन चुकी है।
आतंकियों के मंसूबे नाकाम
खानतर क्षेत्र में मिली इस खेप की बरामदगी सेना और पुलिस की सजगता का परिणाम है। सूत्रों के अनुसार, क्षेत्र में संदिग्ध गतिविधियों के इनपुट के आधार पर रोमियो फोर्स और पुंछ SOG ने संयुक्त रूप से तलाशी अभियान चलाया था। इस दौरान उन्हें एक स्थान पर छिपाकर रखे गए बैग में विस्फोटक और हथियार मिले। सुरक्षा बलों ने बरामद IED को निष्क्रिय करने के लिए बम डिस्पोजल स्क्वाड को बुलाया। प्रारंभिक जांच के अनुसार, यह IED रिमोट कंट्रोल से संचालित किया जा सकता था और इसका इस्तेमाल बड़े हमले के लिए किया जा सकता था-संभवत: सुरक्षा बलों या आम नागरिकों को निशाना बनाने के लिए।
सुरक्षा एजेंसियों की सतर्कता बढ़ी
खुफिया एजेंसियों का मानना है कि यह हथियारों की खेप किसी बड़ी आतंकी साजिश का हिस्सा हो सकती थी। अगस्त के महीने में स्वतंत्रता दिवस और अमरनाथ यात्रा को देखते हुए जम्मू-कश्मीर पहले से ही हाई अलर्ट पर है। ऐसे में इस तरह की बरामदगी सुरक्षा व्यवस्था को और चौकस करने की जरूरत को उजागर करती है। पुलिस और सेना इस बात की गहन जांच कर रही हैं कि ड्रोन कहां से आया, इसे उड़ाने वाला कौन था, और इस खेप को कौन लेने वाला था। LoC के पास के इलाकों में ड्रोन मूवमेंट को ट्रैक करने के लिए तकनीकी निगरानी बढ़ा दी गई है। साथ ही, सीमावर्ती गांवों में भी अलर्ट जारी कर दिया गया है ताकि कोई संदिग्ध गतिविधि समय रहते पकड़ में आ सके।
ड्रोन से आतंकी गतिविधियों का खतरा बढ़ा
पुंछ जिले में ड्रोन से हथियारों की यह बरामदगी एक बार फिर यह दिखाती है कि पाकिस्तान प्रायोजित आतंकी नेटवर्क अपनी रणनीति को लगातार बदल रहा है। अब पारंपरिक घुसपैठ के बजाय तकनीक का इस्तेमाल करते हुए ड्रोन के ज़रिए हथियार भेजे जा रहे हैं। हालांकि सेना और सुरक्षा बलों की सक्रियता से इस बार बड़ी साजिश नाकाम हो गई, लेकिन यह घटना सुरक्षा एजेंसियों के लिए एक चेतावनी भी है कि सीमा पार से ड्रोन आधारित आतंकवाद का खतरा वास्तविक है। आने वाले दिनों में इस खतरे से निपटने के लिए निगरानी तकनीकों को और सुदृढ़ किए जाने की आवश्यकता है।