भोपाल। भोपाल गैस त्रासदी के पीड़ितों को बड़ा झटका लगा है। सुप्रीम कोर्ट ने भोपाल गैस त्रासदी के पीड़ितों को यूनियन कार्बाइड कंपनी से 7400 करोड़ के अतिरिक्त मुआवजे दिलाने वाली केंद्र की क्यूरेटिव याचिका को खारिज कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि केंद्र को इस मामले में पहले आना चाहिए था न कि तीन दशक के बाद।
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र की याचिका को खारिज करते हुए भोपाल गैस त्रासदी पीड़ितों के मुआवजे में घोर लापरवाही पर फटकार लगाई। कोर्ट ने कहा, यूनियन कार्बाइड कार्पोरेशन पर और ज्यादा मुआवजे का बोझ नहीं डाला जा सकता। हम इस बात से निराश हैं कि इस पर पहले ध्यान नहीं दिया। लंबित दावों को पूरा करने के लिए भारत सरकार द्वारा RBI के पास पड़े 50 करोड़ रुपये की राशि का इस्तेमाल किया जाएगा।
जानकारी के लिए आपको बता दे कि, केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर पीड़ितों को और ज्यादा मुआवजा देने के लिए फर्मों से अतिरिक्त 7 हजार 400 करोड़ रुपए की देने की मांग की थी। यह याचिका केंद्र सरकार ने दिसंबर 2010 में लगाई थी और फैसला 12 साल बाद आया है।
बता दे कि, 1984 में दो दिसंबर की रात को भोपाल में मौत ने ऐसा तांडव मचाया कि आज तक उसके जख्म नहीं भर सके। मरने वालों की संख्या 16,000 से भी अधिक थी। भोपाल स्थित यूनियन कार्बाइड फैक्ट्री से हुई जहरीली गैस के रिसाव से रात को सो रहे हजारों लोग हमेशा के लिए मौत की नींद सो गए।
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