Rajkummar Rao: गुरु पूर्णिमा पर राजकुमार राव का भावुक खुलासा, “मेरे शिक्षकों ने भरी थी स्कूल फीस”

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By Alok KumarPublished On: July 10, 2025
Rajkummar Rao: गुरु पूर्णिमा पर राजकुमार राव का भावुक खुलासा

गुरु पूर्णिमा के खास मौके पर अभिनेता राजकुमार राव ने अपनी जिंदगी के एक बेहद निजी और प्रेरणादायक पहलू को साझा किया। उन्होंने बताया कि किस तरह उनके शिक्षकों ने न केवल उन्हें सिखाया, बल्कि मुश्किल समय में उनका साथ भी दिया।

शिक्षकों ने किया मार्गदर्शन

राजकुमार राव, जो इन दिनों अपनी आगामी फिल्म ‘मालिक’ के प्रमोशन में व्यस्त हैं, ने गुरु पूर्णिमा पर अपने शिक्षकों के प्रति आभार प्रकट किया। उन्होंने बताया कि बचपन में जब उनके परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी, तब उनके स्कूल टीचर्स ने खुद उनकी फीस भरी थी। राजकुमार ने कहा, “मेरे शिक्षक ही मेरे असली मार्गदर्शक रहे हैं। मैं जो कुछ भी हूं, उसमें उनका बड़ा योगदान है।”

राजकुमार राव एक प्रशिक्षित अभिनेता, ताइक्वांडो कलाकार और बेहतरीन डांसर हैं। वे अपनी सफलता का श्रेय अपने गुरुओं को देते हैं। हिंदुस्तान टाइम्स डॉट कॉम की एक खबर के मुताबिक, उन्होंने कहा, “मेरे कई गुरु हैं। मेरे मार्शल आर्ट शिक्षक श्री यामीन, डांस टीजर कमलजीत मैम और मधुसूदन सर, और श्री राम सेंटर और भारतीय फिल्म एवं टेलीविजन संस्थान के शिक्षकों ने मुझे बहुत कुछ सिखाया।”

राजकुमार ने अपने मार्शल आर्ट टीचर श्री यामीन, डांस टीचर कमलजीत मैम और श्रीराम सेंटर व FTII के शिक्षकों का विशेष रूप से नाम लिया। उन्होंने यह भी जोड़ा कि वे आज भी अपने कई गुरुओं के संपर्क में हैं। उन्होंने कहा, “अच्छे शिक्षक होना सच में एक वरदान है। मैं भाग्यशाली हूं कि मुझे ऐसे गुरु मिले।”

मुझे कुछ नया करने का अवसर दिया

फिल्म ‘मालिक’ की बात करें तो यह 11 जुलाई को सिनेमाघरों में रिलीज हो रही है। इसमें राजकुमार राव एक आक्रामक और एक्शन-प्रधान किरदार में नजर आएंगे। खुद अभिनेता ने कहा, “’मालिक’ का किरदार मेरी पिछली भूमिकाओं से काफी अलग है। इसने मुझे मेरे कम्फर्ट जोन से बाहर निकाला और मुझे कुछ नया करने का अवसर दिया।”

हाल ही में राजकुमार और उनकी पत्नी पत्रलेखा ने गर्भावस्था की खबर साझा की थी, जिस पर फैंस और बॉलीवुड सेलेब्स ने उन्हें ढेरों बधाइयाँ दीं।

राजकुमार राव का यह खुलासा न केवल भावुक कर देने वाला है, बल्कि यह दर्शाता है कि जीवन में शिक्षक केवल पढ़ाते नहीं, बल्कि मुश्किल समय में जीवन को दिशा भी देते हैं।