भोपाल। पूरी दुनिया खासतौर से भारत, अफगनिस्तान को लेकर फिक्रमंद है। उस पर काबिज तालिबान की नजर- नीयत और उसके इरादों को भारत सरकार और हमारी सेना बहुत संजीदगी से देख रही है। कश्मीर मसले पर तालिबान का रुख खासा दिलचस्प रहेगा और इसी पर भविष्य की रणनीति तय होगी। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और उत्तराखंड व उत्तरप्रदेश के राज्यपाल रहे अजीज क़ुरैशी ने अफ़ग़ानिस्तान और तालिबान के मुद्दे पर दो टूक लफ़्ज़ों में कहा कि महिला और विकास विरोधी तालिबान क्रूर, हत्यारा, नशे और लाशों का सौदागर होने के साथ लोकतंत्र विरोधी है। उन्होंने तालिबान की तरफदारी करने वाले भारत समेत दुनियाभर को साफ साफ कहा कि भारत के मुसलमान की वफादारी मुल्क के साथ है। हमारे खून का आखिरी कतरा देश के लिए क़ुर्बान कर देंगे।
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अजीज़ क़ुरैशी ने तालिबान को बेहद तल्ख अंदाज़ में कहा कि वह अपनी औकात में रहे। देश के प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समेत किसी भी भारतीय को तालिबानी धमकी का मुल्क का मुसलमान मुकम्मल तरीके से जवाब देगा। साथ ही उनका कहना है प्रधानमंत्री को अफगानिस्तान के मुद्दे पर साफ नीति रखनी चाहिए। उनका कहना है जाहिल तालिबानियों के पास अगर गोलियां है, तो भारत के मुसलमानों के सीने में भी खून है, जिसे वे मुल्क की मिट्टी पर फूलों की तरह बिछा देंगे। देश में तालिबान के समर्थन में आये इक्का दुक्का बयानों की मज़म्मत करते हुए श्री क़ुरैशी कहते है तालिबान इस्लाम और जिहाद का दुरुपयोग कर रहा है। यह हमे क़ुबूल नही है। ज़ाहिर है श्री क़ुरैशी साफगोई के लिए मुल्क के ऐसे लीडरों में शुमार हैं जिन्होंने कई दफा कांग्रेस की गलत नीतियों और निर्णयों के चलते है हाईकमान तक की आलोचना की है।
पूर्व राज्यपाल ने अफगानिस्तान से भारत के दोस्ताना तालुकात का ज़िक्र किया। उन्होंने सरहदी गांधी खान अब्दुल गफ्फार खान का आज़ादी की लड़ाई को याद कर कहा की सदियों से अफगान और हिंदुस्तान एक दूसरे के मददगार रहे हैं। भारत ने अफगानिस्तान की तरक्की के लिए काफी काम किया है। वहां के कारोबार से लेकर खेल, स्कूल, कॉलेज, बांध, सड़क, संसद भवन, बिजली, पानी और वहां की सेना की मज़बूती के लिए दिल और खजाना खोलकर काम किया है। इस तुलना में पाकिस्तान कभी भी अफगानिस्तान का सगा नही रहा। पूरे मामले में तालिबान को नमक हराम बताते हैं।
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अफगानिस्तान और तालिबान को लेकर पाकिस्तान व चीन की रणनीति भारत के खिलाफ है। ऐसे में हिन्दू और मुसलमान को मिलकर देश विरोधी गतिविधियों पर नज़र रखने की ज़रूरत है। मध्य प्रदेश में भोपाल समेत मालवा व निमाड़ को लेकर सतर्क रहने की आवश्यकता है। पिछले दिनों उज्जैन की गफूर कालोनी में पाकिस्तान ज़िंदाबाद के नारों ने सब को चिंता में डाल दिया है। इसमें राहत की बात यह है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के निर्देश पर कठोर कार्यवाही की गयी और पाकिस्तान परस्त लोगो को बेदखल कर दिया गया।
एक बात साफ है कुछ नासमझ और सीधे लोगो को मजहब के नाम पर बहला फुसलाकर देश विरोधी गतिविधियों में शामिल करने की साजिशें भी हो सकती हैं। ऐसे मामलों में आतंकी संगठन स्लीपर सेल का भी इस्तेमाल करते हैं। सितंबर से लेकर दिसंबर तक भीड़ भाड़ भरे त्योहारों का समय भी आने वाला है। इसलिए पुलिस, खुफिया एजेंसी और सुरक्षा बालों के साथ नागरिकों का तालमेल आतंकी वारदातों को रोकने में काम आएगा। इसलिए सभी को सतर्क रहने की ज़रूरत है।
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कांग्रेस मतलब कमलनाथ कक्कड़ और मिगलानी…
मध्य प्रदेश कांग्रेस लंबे समय से वरिष्ठ नेता कमलनाथ के नेतृत्व वन मैन आर्मी की स्टाइल में काम कर रही है। पिछले ढाई साल के दौरान श्री कमलनाथ औसतन दो महीने में एक बार प्रदेश कार्यालय आए और संगठन की बैठकों में शामिल हुए। उनके काम काज में सहयोगी के रूप में आर. के. मिगलानी और प्रवीण कक्कड़ की भूमिका अहम रही है। प्रदेश में होने वाले तीन विधानसभा और एक लोकसभा चुनाव को लेकर नेता व कार्यकर्ताओं से बातचीत की जा रही है। खंडवा लोकसभा चुनाव को लेकर भले ही अरुण यादव अपनी दावेदारी को लेकर थोड़ा बैकफुट पर चले गए हो लेकिन पार्टी में वे ही सबसे वज़नदार उम्मीदवार है।