Bus Crash Test Safety Ratings : भारत में कारों के सुरक्षा मानकों में सुधार तेजी से हो रहा है। Bharat NCAP (भारत नेशनल न्यू कार एसेसमेंट प्रोग्राम) के क्रैश टेस्ट के बाद से कारों में सुरक्षा फीचर्स की गुणवत्ता को लेकर एक नई जागरूकता पैदा हुई है। टाटा मोटर्स और महिंद्रा जैसी कंपनियां अपनी कारों को 5-स्टार सेफ्टी रेटिंग देती हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि बस और ट्रक जैसी भारी गाड़ियों के लिए क्या कोई सेफ्टी रेटिंग सिस्टम है? क्या इन गाड़ियों की भी क्रैश टेस्टिंग होती है? यह सवाल इसलिए अहम है क्योंकि भारत में हर साल सड़कों पर होने वाले हजारों हादसों में बसों और ट्रकों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है।
भारत में बस और ट्रकों के लिए क्यों नहीं है क्रैश टेस्ट?
भारत में जब हम भारत एनसीएपी की बात करते हैं तो यह केवल कारों के लिए ही लागू होता है। इस समय देश में बसों और ट्रकों के लिए कोई विशेष क्रैश टेस्टिंग सिस्टम मौजूद नहीं है। इसका मतलब यह है कि इन भारी गाड़ियों को सुरक्षा रेटिंग नहीं मिलती है, जबकि सड़क हादसों में इन गाड़ियों का योगदान बहुत अधिक है। अगर बस और ट्रकों को भी अच्छे से टेस्ट किया जाए, तो कई जानें बच सकती हैं और दुर्घटनाओं में होने वाली गंभीर चोटों को कम किया जा सकता है।
क्या बिना सेफ्टी रेटिंग के भी बस-ट्रक सेफ हो सकते हैं?
अगर बसों और ट्रकों के लिए कोई क्रैश टेस्ट नहीं है, तो क्या यह गाड़ियां सुरक्षित नहीं हो सकतीं? जवाब है नहीं। यह सच है कि क्रैश टेस्ट से यह पता चलता है कि गाड़ी कितनी सुरक्षित है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि गाड़ियों में सुरक्षा फीचर्स को जोड़ा नहीं जा सकता। बसों और ट्रकों को बेहतर सुरक्षा तकनीक और फीचर्स के साथ सुरक्षित बनाया जा सकता है, ताकि इन गाड़ियों में सवार लोगों और अन्य सड़क उपयोगकर्ताओं की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
जब तक भारत में बसों और ट्रकों के लिए कोई क्रैश टेस्टिंग एजेंसी नहीं आती, तब तक इन गाड़ियों में आधुनिक सुरक्षा सुविधाओं को जोड़कर इन्हें सेफ बनाया जा सकता है।
बस और ट्रकों में कौन-कौन से सेफ्टी फीचर्स होने चाहिए?
भारत में सड़क सुरक्षा बढ़ाने के लिए बसों और ट्रकों में कुछ महत्वपूर्ण सेफ्टी फीचर्स होना बेहद जरूरी है। आइए जानते हैं कि कौन से फीचर्स इन भारी वाहनों में होने चाहिए, जो सड़क हादसों में जानमाल के नुकसान को कम कर सकते हैं।
बस के सेफ्टी फीचर्स
- कोलिजन वार्निंग और इमरजेंसी ब्रेक: यह फीचर ड्राइवर को संभावित टक्कर के बारे में चेतावनी देता है और आवश्यकतानुसार ब्रेक को सक्रिय करता है।
- अडेप्टिव क्रूज कंट्रोल: यह फीचर बस की गति को स्वतः नियंत्रित करता है, जिससे टक्कर की संभावना कम होती है।
- इंटेलिजेंट स्पीड असिस्टेंस: इस फीचर के जरिए बस की अधिकतम गति को सीमा में रखा जाता है, जिससे ड्राइवर की गति पर नियंत्रण रहता है।
- साइड कोलिजन अवॉइडेंस सपोर्ट: यह फीचर बस को साइड से होने वाली टक्करों से बचाने के लिए मदद करता है।
- लेन चेंज और लेन कीपिंग सपोर्ट: यह ड्राइवर को लेन बदलते वक्त मदद करता है, जिससे रोड पर बने रहना आसान होता है।
- ड्राइवर अलर्ट सपोर्ट: यह सिस्टम ड्राइवर को थकावट और ध्यान भटकने पर चेतावनी देता है।
- टायर प्रेशर मॉनिटरिंग सिस्टम: यह फीचर टायर में होने वाले किसी भी दबाव परिवर्तन के बारे में अलर्ट करता है, जिससे टायर ब्लास्ट की संभावना कम होती है।
ट्रक के सेफ्टी फीचर्स
- एंटी-लॉक ब्रेकिंग सिस्टम (ABS): यह फीचर ब्रेकिंग के दौरान व्हील्स को लॉक होने से रोकता है, जिससे गाड़ी की नियंत्रण क्षमता बेहतर होती है।
- ट्रैक्शन कंट्रोल: यह फीचर ट्रक के पहियों की गति को नियंत्रित करता है, खासकर गीली या फिसलन वाली सड़क पर।
- इलेक्ट्रॉनिक स्टेबिलिटी कंट्रोल (ESC): यह फीचर गाड़ी के संतुलन को बनाए रखता है और संभावित रोलओवर को रोकता है।
- हिल होल्ड असिस्ट: यह फीचर ट्रक को पहाड़ी रास्तों पर नियंत्रण बनाए रखने में मदद करता है, खासकर चढ़ाई पर।
- कनेक्टेड व्हीकल फीचर्स: इस तकनीक से ट्रक की निगरानी की जा सकती है, जिससे ट्रक के स्थान और स्थिति के बारे में रियल टाइम जानकारी मिलती है।
- टायर प्रेशर मॉनिटरिंग सिस्टम: यह सिस्टम ट्रक के टायरों के दबाव की स्थिति को मॉनिटर करता है और किसी भी असामान्यता के लिए चेतावनी देता है।
एडवांस ड्राइवर असिस्टेंस सिस्टम (ADAS)
इसके अतिरिक्त, ADAS (Advanced Driver Assistance System) जैसे उन्नत सुरक्षा सिस्टम को बसों और ट्रकों में शामिल किया जाना चाहिए। इसमें निम्नलिखित फीचर्स शामिल हो सकते हैं:
- कोलिजन मिटिगेशन सिस्टम: यह फीचर संभावित टक्कर से बचने के लिए स्वचालित रूप से ब्रेक लगाता है।
- लेन डिपार्चर वार्निंग सिस्टम: यह सिस्टम ड्राइवर को चेतावनी देता है यदि वह अपनी लेन से बाहर जा रहे होते हैं।
- नींद और ध्यान भटकने का मॉनिटरिंग सिस्टम: यह ड्राइवर की गतिविधियों का विश्लेषण करता है और अगर वह थका हुआ या असावधान होता है, तो अलर्ट भेजता है।
यूरोप में ट्रकों की सेफ्टी रेटिंग
यूरोप में Euro NCAP जैसी एजेंसी ट्रकों के लिए क्रैश टेस्ट करती है, जहां सुरक्षा की निगरानी की जाती है और ट्रकों को सुरक्षा रेटिंग दी जाती है। उदाहरण के तौर पर, वोल्वो के ट्रकों को 5-स्टार सेफ्टी रेटिंग मिली है। इन परीक्षणों में ट्रक के केबिन की सुरक्षा और अन्य महत्वपूर्ण सुरक्षा पहलुओं की जांच की जाती है।