बाजार अपने बाजारवाद का स्थापित प्रतिनिधित्व करता है, लेकिन इस बीच शिक्षा एक पवित्र कार्य है इसे बाजार समझना गलत है, इसमें आपकी भावनाओं का सही होना अनिवार्य है, श्रीद्वांत जोशी डायरेक्टर कौटिल्य एकेडमी