हाल ही में मुंबई के प्रसिद्ध सिद्धिविनायक मंदिर के लड्डू प्रसाद का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है, जिसमें चूहे के बच्चे लड्डुओं के पैकेट में देखे जा रहे हैं। इस वीडियो ने मंदिर के प्रसाद की साफ-सफाई और सुरक्षा को लेकर कई सवाल खड़े कर दिए हैं।
मंदिर ट्रस्ट की प्रतिक्रिया
वीडियो के वायरल होने के बाद सिद्धिविनायक मंदिर ट्रस्ट ने बयान जारी किया है, जिसमें कहा गया है कि इस मामले की गहन जांच की जाएगी। ट्रस्ट का मानना है कि वीडियो में दिखाए गए दृश्य संभवतः मंदिर के अंदर के नहीं हैं और यह उनकी छवि को धूमिल करने का प्रयास हो सकता है। ट्रस्ट के अध्यक्ष सदा सरवणकर ने स्पष्ट किया कि मीडिया में दिखाया गया स्थान मंदिर परिसर का हिस्सा नहीं है।
सफाई और सुरक्षा प्रोटोकॉल का दावा
सदा सरवणकर ने बताया कि मंदिर में लड्डू बनाने के लिए 25 कर्मचारी काम करते हैं, जो दिन-रात की शिफ्ट में काम करते हैं। उन्होंने कहा, “ऐसी अशुद्ध स्थितियों की कोई संभावना नहीं है।” उन्होंने तिरूपति मंदिर में उठाए गए ऐसे ही सवालों का हवाला देते हुए कहा कि उनके परिसर की भी जांच की गई थी, और पाया गया कि सभी सुरक्षा और स्वच्छता प्रोटोकॉल का पालन किया जा रहा है।
उच्च गुणवत्ता की सामग्री का उपयोग
सरवणकर ने बताया कि सिद्धिविनायक मंदिर प्रसाद में प्रीमियम घी सहित उच्च गुणवत्ता वाली सामग्री का उपयोग करता है। उन्होंने यह भी कहा कि प्रसाद के सभी घटकों का प्रयोगशाला में परीक्षण किया जाता है, और तीन सरकारी अधिकारी नियमित रूप से संचालन की देखरेख करते हैं।
विवाद और छवि धूमिल करने का आरोप
मंदिर ट्रस्ट ने आरोप लगाया है कि यह घटना उनकी छवि को खराब करने का प्रयास है, विशेषकर जब से मंदिर सौंदर्यीकरण परियोजना की घोषणा की गई है। वीडियो में दिखाए गए लड्डुओं के पैकेट में चूहों के दांतों के निशान भी देखे जा रहे हैं, जिसने श्रद्धालुओं के बीच चिंता बढ़ा दी है।
इस मामले में आज मंदिर ट्रस्ट अपना आधिकारिक रुख स्पष्ट करेगा, और उम्मीद की जा रही है कि वह इस विवाद को सुलझाने के लिए ठोस कदम उठाएगा।