गुवाहाटी स्थित एक गैर सरकारी संगठन आरण्यक ने असम और आसपास के राज्यों में मानव-हाथी संघर्ष को कम करने के उद्देश्य से एक मोबाइल एप्लिकेशन, हाथीऐप लॉन्च किया है।इसका उद्घाटन बिजली, खेल और युवा कल्याण कैबिनेट मंत्री नंदिता गोरलोसा ने किया। गोरलोसा ने कहा कि इससे सह-अस्तित्व के लिए मानव-हाथी संघर्ष (एचईसी) को कम करने में बहु-हितधारकों को मदद मिलेगी। आरण्यक के हाथी अनुसंधान और संरक्षण प्रभाग (ईआरसीडी) के प्रमुख बिभूति पी लहकर ने कहा कि यह एप्लिकेशन सरकारी विभागों और आम लोगों के बीच एक पुल का काम करेगा।
उन्होंने कहा, हमें लोगों को इसके बारे में जागरूक करना होगा। एक बार जब वे अपने फोन पर ऐप इंस्टॉल कर लेंगे, तो उनके पास एक बड़े संपर्क तक पहुंच होगी और जब भी वे अपने क्षेत्र में हाथियों को देखेंगे, तो वे इसके बारे में वन विभाग को तुरंत अपडेट कर सकते हैं। इससे लोगों को जागरूक होने और अधिकारियों को तत्काल कार्रवाई करने में मदद मिलेगी । हाटीऐप के साथ-साथ, गुवाहाटी में एक कार्यक्रम के दौरान असमिया में एक व्यापक सौर बाड़ मैनुअल भी मंत्री द्वारा लॉन्च किया गया।
गोरलोसा कहा,”एचईसी के कुछ हॉटस्पॉट में आम लोग डर के मारे जंगली हाथियों के खिलाफ अवैध बिजली कनेक्शन का इस्तेमाल करते हैं, जिससे कई बार हाथियों की मौत हो जाती है… इन दो तकनीकों की मदद से हम ऐसी घटनाओं को कम कर सकते हैं। गरलोसा ने आगे कहा कि जंगली हाथियों के खिलाफ ऐसे अवैध बिजली कनेक्शन के इस्तेमाल के खिलाफ जागरूकता बढ़ाने के लिए राज्य के बिजली विभाग द्वारा एचईसी प्रभावित क्षेत्रों के आम लोगों तक पहुंचने के लिए कदम उठाए जाएंगे।
हाल के वर्षों में मानव-पशु संघर्ष में वृद्धि देखी गई है। असम सरकार के अनुसार, वन भूमि पर अवैध अतिक्रमण संघर्ष के सबसे बड़े कारणों में से एक है।हालांकि, कई मामलों में पीड़ितों ने दावा किया कि वे सह-अस्तित्व बनाए रखने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन हाथियों ने भोजन की तलाश में उनके घरों पर हमला कर दिया। उन्होंने कहा कि बिजली का उपयोग करने के अलावा इसे रोकने का कोई और विकल्प नहीं था।