जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा और राजौरी जिलों में 28 और 29 अगस्त को दो अलग-अलग मुठभेड़ें हुईं, जिनमें तीन आतंकवादी मारे गए हैं। मुठभेड़ों के बाद, सेना ने संकेत दिया है कि दो से तीन अन्य आतंकवादियों की मौत की संभावना हो सकती है।
घुसपैठ की खुफिया जानकारी
भारतीय सेना को मिली खुफिया जानकारी के आधार पर, घुसपैठ विरोधी अभियान चलाया गया। 28-29 अगस्त की रात खराब मौसम के बीच संदिग्ध गतिविधियों की सूचना मिली। इसके चलते माछिल और तंगधार में सेना और पुलिस ने मिलकर ऑपरेशन शुरू किया, जिसके बाद फायरिंग हुई। वर्तमान में, मारे गए आतंकवादियों के शव बरामद नहीं हुए हैं और इलाके में अन्य आतंकियों के छिपे होने की आशंका है।
राजौरी में तलाशी अभियान
राजौरी जिले में 28 अगस्त को सुरक्षा बलों और आतंकवादियों के बीच मुठभेड़ हुई। इस मुठभेड़ के बाद, खेरी मोहरा, लाठी और दंथल गांवों में एक तलाशी अभियान चलाया गया। अधिकारियों के अनुसार, रात 9:30 बजे से तलाशी अभियान शुरू हुआ और करीब 11:45 बजे आतंकवादियों के साथ संपर्क स्थापित हुआ, जिससे गोलीबारी शुरू हुई।
सुरक्षा स्थिति की समीक्षा
सेना की उत्तरी कमान के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल एमवी सुचिंद्र कुमार ने 28 अगस्त को 16 कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल नवीन सचदेवा के साथ सुंदरबनी सेक्टर में नियंत्रण रेखा पर अग्रिम इलाकों का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की।