17 अक्टूबर 2023: डेली कॉलेज के वित्तीय खर्चों को लेकर हाल ही में उठे आरोपों ने बोर्ड और स्कूल प्रशासन के बीच हलचल पैदा की है। विवाद के बीच ओल्ड डेलियन और स्कूल प्रशासन के बीच सवाल जवाब का दौर जारी है। डेली कॉलेज के वित्तीय खर्चों के बारे में एक प्रतिष्ठित सदस्य ने सवाल उठाए है, जिनमें उन्होंने 2021-22 के खर्चों की तुलना में 2022-23 में हो रहे खर्चों की बढ़ोतरी का सवाल उठाया है। सदस्य ने विभिन्न खर्चों के अनुसार इस मुद्दे को उजागर किया और वित्तीय प्रशासन की गलती की जिम्मेदारी को उठाने की मांग की है।
इस मामले में स्कूल प्रशासन के तरफ से यह दावा किया जा रहा है कि वित्तीय खर्चों में इस वर्ष वृद्धि के पीछे वित्तीय आवश्यकताओं की वृद्धि का कारण स्कूल के सक्रियता के बढ़ जाने से है, जिसमें विशेष इवेंट्स, सुरक्षा खर्च, और कई अन्य अवश्यकताएँ शामिल हैं।
अजय बागड़िया ने उठाया सवाल
विवाद के इस पहलू को लेकर अजय बागड़िया ने सवाल उठाया है कि – ‘स्कूल के सेक्युरिटी एक्स्पेन्सस बहुत बड़े हैं, लीगल एक्स्पेन्सस बहुत बड़े हैं और कई सारे खर्चे उन मुद्दों में बढ़े हैं जिन मुद्दों में खर्चे बढ़ना नहीं चाहिए थे। अगर आप डेली कॉलेज के फंड्स के संरक्षक हैं तो संरक्षक के रूप में आपको पैसे की सुरक्षा करनी है। उसकी रक्षा करनी चाहिए, ना? की किस तरीके से आपको बर्बाद करना है आप जिन मुद्दों पे खर्चा करना चाहिए उनपर करना चाहिए। लेकिन दुर्भाग्य की बात ये है की बोर्ड का जवाब आने की जगह हमारे प्रिंसिपल साहिबा की चिट्ठी आती है और वो ये कहती है कि यह खर्चे इसलिए बड़े है कि 2021-22 में मात्र 40 दिन स्कूल चला और 2022-23 में स्कूल करीब करीब 220 दिन चला। अब 220 दिन के स्कूल के खर्चे को अगर तुलनात्मक रूप से 40 दिन के स्कूल से देखें। तो हम पाएंगे कि 40 दिन के खर्चे कितने ज्यादा बताए गए हैं, जो कि अविश्वसनीय लगते हैं।
अजय बागड़िया ने लगाए बोर्ड पर गंभीर आरोप
वही साथ ही अजय बागड़िया ने स्कूल प्रशासन पर गंभीर आरोप लागते हुए कहा की – दुर्भाग्य की बात यह है कि हमारे स्कूल में जो पार्टीज़ होती है उनमें काफी पार्टी में शराब परोसी जाती है और यह एक शैक्षणिक संस्था है, शैक्षणिक संस्था में शराब का परोसना कतई वर्जित है, अवैधानिक है और इल्लीगल हैं। इसके लिए हमारे वाले लोगों ने एक नया इन्नोवेटिव आइडिया इसमें निकला है ये है की यहाँ पार्टी करते हैं। उसका लाइसेंस मूसाखेड़ी का स्थान बता कर के दिखाते हैं ताकि एक्साइज डिपार्टमेंट हमको लाइसेंस देदे और हम लोगों को शराब परोस सके। ये शराब का परोसना शराब का शैक्षणिक संस्था में वितरण बंद कर देना चाहिए।
जानकारी के अनुसार अजय बागड़िया ने इस मुद्दे की जाँच के लिए प्रिंसिपल से मांग की है निपटने की मांग की है। इस मामले में जिम्मेदार प्राधिकृतियों के बीच तनातन बढ़ गई है और इसके परिणामस्वरूप इसे एक महत्वपूर्ण विवाद के रूप में देखा जा रहा है।