सार्वजनिक एयरलाइन एयरइंडिया की नीलामी की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। बताया जा रहा है कि एयर इंडिया को खरीदने के लिए टाटा ग्रुप्स ने सबसे बड़ी बोली लगाई है। वहीं ये बोली टाटा संस ने जीत ली है। दरअसल, केंद्र सरकार पहले ही यह साफ कर चुकी थी कि एयर इंडिया को कोड़ियों के दाम पर नहीं बेचा जाएगा। लेकिन ऐसे में टाटा संस और स्पाइसजेट के बीच एयर इंडिया को खरीदने के लिए मुकाबला चल रहा था।
जिसके चलते अब टाटा संस इस मुकाबले में जीत गया है। गौरतलब है कि टाटा संस और स्पाइसजेट के अधिकारियों ने केंद्र से मुलाकात की है। इससे पहले एयर इंडिया के विनिवेश के लिए सचिवों की एक समिति ने रिजर्व प्राइस पर फैसला किया था लेकिन इस बारे में पर्याप्त जानकारी सामने नहीं आई थी। एयर इंडिया की नीलामी में एयर इंडिया शुरुआत से ही आगे रही।
68 साल बाद फिर टाटा ग्रुप की हुई एयर इंडिया –
बता दे, ख्यात उद्योगपति जेआरडी टाटा ने साल 1932 में टाटा एयरलाइंस की स्थापना की थी। लेकिन दूसरे विश्व युद्ध के दौरान टाटा एयरलाइंस की उड़ानों पर रोक लगा दी गई थी। ऐसे में जब युद्ध समाप्ति पर फिर से विमान सेवाएं बहाल हुई तो 29 जुलाई 1946 को टाटा एयरलाइंस का नाम बदलकर एयर इंडिया लिमिटेड कर दिया गया था। आजादी के बाद एयर इंडिया की 49 फीसदी भागीदारी सरकार के हाथ में चली गई थी और साल 1953 में इसका राष्ट्रीयकरण हो गया। गौरतलब है कि टाटा की इस बोली के सफल होने के बाद एयर इंडिया 68 साल बाद नमक से लेकर सॉफ्टवेयर बनाने वाले समूह के पास वापस आ गई है।