एग्रो विजन कृषि प्रदर्शनी का उद्घाटन, कृषि मंत्री ने कहा- असंतुलन दूर कर रही है सरकार

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नागपुर- भारत एक कृषि प्रधान देश है इसलिए नीतियां भी कृषि अनुरूप बनाई जा रही हैं। केंद्र सरकार बुनियादी सुविधाओं में निवेश कर रही है, कृषि क्षेत्र में भी निजी निवेश की जरूरत है, जिससे कृषि क्षेत्र में समृद्धि आ सके। मध्य भारत में सबसे बड़ी एग्रो विजन 2021 राष्ट्रीय कृषि प्रदर्शनी का आज नागपुर में उद्घाटन करते हुए केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री तोमर ने यह बात कही।

इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, कर्नाटक के प्रौद्योगिकी मंत्री अश्वत्थ नारायण, मेयर दयाशंकर तिवारी, सांसद विकास महात्मे, कृपाल तुमाने तथा चंद्रशेखर बावनकुले, कृष्णा खोपड़े, विकास कुंभारे, पूर्व मंत्र अनिल बोंडे, पाशा पटेल, डॉ. पातूरकर, कृषि सचिव संजय अग्रवाल, प्रदर्शनी सचिव रवि बोरटकर, डॉ. सी.डी. माई, गिरीश गांधी, संयुक्त सचिव रमेश मानकर आदि उपस्थित थे।

इस अवसर पर बोलते हुए नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि कृषि क्षेत्र में असंतुलन को खत्म करने के लिए और अधिक प्रयास करने की जरूरत के मद्देनजर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने इस क्षेत्र में असंतुलन को दूर करने की कोशिश की है। एग्रो विजन के माध्यम से किसानों को आवश्यक सूचना एवं आधुनिक तकनीक उपलब्ध कराने का कार्य किया जाता है। इसका फायदा देश के किसानों को भी मिल रहा है।

इस वर्ष, ऑइलसीड्स  के तहत क्षेत्र में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है, जिसमें पाम तेल के लिए  28 लाख हेक्टेर क्षेत्र में  पैदावार की जा  रही  है और ऑइलसीड्स 9 लाख हेक्टेर पर उत्तर- पूर्व भारत में लगाया जा रहा है। कृषि देश की रीढ़ है। तोमर ने कहा कि यह रीढ़ मजबूत होगी तो देश मजबूत होगा। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना में 1.62 लाख करोड़ रू. किसानों के खाते में सीधे जमा कराए गए है और किसानों के लिए MSP के मूल्य को भी बढ़ाया गया है।

प्रौद्योगिकी के माध्यम से समृद्धि: नितिन गडकरी

यदि नए शोध, सूचना और आधुनिक तकनीक किसानों तक पहुंचे तो देश के किसान सुखी, समृद्ध और शक्तिशाली होंगे। यह एग्रो विजन के माध्यम से किया जा रहा है, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि इस प्रदर्शनी का इतिहास 13 वर्षों का है और जो चीजें तय की गई थीं, वे पूरी हो रही हैं। 40 कार्यशालाओं के माध्यम से 3 लाख किसानों का मार्गदर्शन किया जाता है। एग्रो विजन के माध्यम से प्रशिक्षित किसान इससे लाभान्वित हो रहे हैं।

करोड़पति किसान बनना हमारा सपना है, किसान को ज्ञान, विज्ञान, अनुसंधान, आधुनिक तकनीक से जोड़ा जा रहा है। ज्ञान शक्ति है। इसका उपयोग करके किसान अब न केवल अन्नदाता बल्कि ऊर्जा दाता भी बनने की कोशिश कर रहे हैं। गन्ना इथेनॉल, खरपतवार, कचरे से किसानों द्वारा सीएनजी बनाई जाती है। सभी वाहन एथेनॉल पर चल सकते है। एथेनॉल पंपिंग भी शुरू हो रही है। वाहनों में इथेनॉल और पेट्रोल से चलने वाले फ्लेक्स इंजन लगे होंगे तो पेट्रोल-डीजल की समस्या खत्म होने वाली है।

गडकरी ने कहा कि आज देश को 4,000 करोड़ लीटर इथेनॉल की जरूरत है। किसान अब ड्रोन की मदद से फसल का छिड़काव करें। ड्रोन को अब लिथियम आयन बैटरी की जरूरत नहीं है, ड्रोन को फ्लेक्स इंजन के साथ एथेनॉल पर भी चलाया जा सकता है। साथ ही नैनो यूरिया का प्रयोग किसानों को करना चाहिए।

बांस से ईंधन पैदा करने के लिए किसानों को बांस की खेती करनी चाहिए। चट्टानी जमीन पर बांस लगाना संभव है। बांस से एथेनॉल का उत्पादन होता है। ट्रैक्टर अब सीएनजी से चलने में सफल हो गया है। उन्होंने यह भी कहा कि इससे किसानों को प्रति वर्ष ईंधन खर्च में काफी बचत होगी। इस अवसर पर उपस्थित सभी गणमान्य व्यक्तियों द्वारा सचान समृद्धि का एक विशेष अंक भी प्रकाशित किया गया।