Mauni Amavasya 2022 : माघ मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को मौनी अमावस्या मनाई जाती है। इस अमावस्या को माघी अमावस्या भी कहा जाता है। ये सबसे महत्वपूर्ण और विशेष अमावस्या होती है। इस दिन गंगा स्नान का बहुत महत्त्व होता है। कहा जाता है कि इस दिन गंगा नदी का जल अमृत के समान हो जाता है। ऐसे में सभी पाप नष्ट हो जाते हैं। साथ ही निरोगी काया प्राप्त होती है। साथ ही मृत्यु के बाद मोक्ष की प्राप्ति होती है।
बता दे, इस दिन प्रयागराज, हरिद्वार समेत देश के प्रमुख तीर्थ स्थलों पर स्नान होता है। लेकिन इस बार कोरोना की वजह से मौनी अमावस्या का स्नान सीमित दायरे और कोरोना प्रोटोकॉल के तहत हो सकता है। आज हम आपको इसकी तिथि और शुभ मुहूर्त बताने जा रहे हैं। तो चलिए जानते है –
तिथि एवं मुहूर्त –
माघ माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि का प्रारंभ 31 जनवरी दिन सोमवार को देर रात 02 बजकर 18 मिनट पर हो रहा है। ये 1 फरवरी दिन मंगलवार को दिन में 11 बजकर 15 मिनट तक रहता है। वहीं खास बात ये है कि स्नान आदि कार्यक्रम सूर्योदय के वक्त किया जाता है।
महत्व –
ज्योतिषों के अनुसार, मौनी अमावस्या के दिन व्रत किया जाता है साथ ही स्नान भी किया जाता है। इस दिन लोग मौन रहकर व्रत करते हैं। इसका अर्थ है कि झांकना, ध्यान करना और प्रभु की भक्ति में लीन हो जाने से है। इस दिन अपने अंदर आध्यात्मिकता का विकास करना भी इसका एक उद्देश्य है।
इसके अलावा इस दिन लोग स्नान के बाद पितरों को तर्पण, श्राद्ध, पिंडदान आदि कर्म करते हैं। ये इसलिए किया जाता है क्योंकि पितरों की आत्म तृप्ति होती है। जिनका पितृ दोष होता है वो इस दिन सारे उपाय करते हैं। इससे पितृ खुश होते हैं। साथ ही ये अपने वंश को आगे बढ़ने एवं सुखी जीवन का आशीष देते हैं।