उज्जैन। बीते दिन चायना मांझे के कारण एक युवती की जान चली गई लेकिन अब पुलिस प्रशासन लकीर पीटने का काम कर रहा है। हालांकि यह बात दीगर है कि पुलिस प्रशासन ने मकर संक्रांति के पहले से ही चायना मांझे की खरीदी, बिक्री के साथ ही निर्माण पर भी पूरी तरह से प्रतिबंध लगाया था लेकिन इसके बाद भी शहर के कतिपय पतंग व्यापारियों द्वारा पुलिस की आंखों में धूल झोंकते हुए चायना मांझे को बेचा।
बता दें कि मकर संक्रांति के दिन ही उज्जैन के मक्सी रोड ब्रिज पर एक युवती की जान चायना मांझे से गला कटने के कारण हो गई थी। युवतीकी मौत अस्पताल ले जाने के पहले ही हो गई थी। यहां यह लिखने से बिल्कुल भी गुरेज नहीं है कि जब पुलिस प्रशासन ने चायना की डोर पर प्रतिबंध लगाया था तो फिर इसके बाद खुले आम यह डोर कैसी बेची जाती रही।
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अब भले ही पुलिस प्रशासन ने यह कहा है कि चायना डोर बेचने वाले व्यापारियों पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी तथा उस व्यापारी का पता भी लगाया जाएगा जिसने उस व्यक्ति को मांझा बेचा था जिसके पतंग उड़ाने के कारण युवती की मौत गला कटने के कारण हो गई। पुलिस का यह बयान लकीर पीटने जैसी कहावत ही चरितार्थ कर रहा है।
गौरतलब है कि शहर के फ्रीगंज स्थित जीरो पाइंट ब्रिज पर स्कूटर से गुजर रही 17 साल की लड़की का चाइना डोर से गला कट गया। उसे इलाज के लिए समीप के निजी अस्पताल ले जाया गया, जहां उसकी मौत हो गई। नेहा आंजना नामक युवती अपनी सहेली के साथ स्कूटर से ब्रिज पार कर रही थी। इसी दौरान वो पतंग की चाइना डोर के चपेट में आ गई।
गला कटने पर राहगीरों ने उसे पाटीदार अस्पताल पहुंचाया, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। सीएम ने इस घटना पर शोक जताते हुए कहा कि मैं प्रदेश के समस्त ज़िला प्रशासन को कड़े निर्देश दे रहा हूं कि इस तरह के जो खतरनाक मांझे बाजार में बिक रहे हैं, उनकी जांच की जाये और उस पर कड़ी कार्रवाई की जाये।