उज्जैन: मकर संक्रांति के साथ ही मलमास की भी समाप्ति हो गई है। मलमास खत्म होने के साथ मांगलिक कार्यों की भी शुरूआत हो गई है लेकिन ज्योतिषियों के अनुसार, जनवरी में सबसे पहला मुर्हूत 22 जनवरी को रहेगा। इसके अलावा पूरे वर्ष कुल 71 शुभ मुर्हूत भी होंगे। हालांकि कोरोना के बढ़ते प्रभाव ने मांगलिक व वैवाहिक कार्यक्रमों की धूम पर ग्रहण जरूर लगा दिया है।
ज्योतिषियों के मुताबिक मांगलिक कार्यों की शुरूआत 22 जनवरी से ही होगी लेकिन कोरोना के कारण बैंड बाजों, धर्मशालाएं व गार्डन आदि के धंधे पर ग्रहण लगा हुआ है। संचालकों की यदि माने तो शादी ब्याह में मेहमानों की संख्या दोनों पक्षों को मिलाकर ढाई सौ कर दी है और ऐसी स्थिति में बड़े गार्डन, धर्मशाला आदि की जरूरत ही नहीं होगी। इसके अलावा बैंड बाजों का भी धंधा मंदा ही रहने वाला है, इसे लेकर बैंड संचालक चिंता में पड़े हुए है। बैंड संचालकों का कहना है कि बीते दो लॉकडाउन में वैसे ही धंधा बंद पड़ा था और अभी भी आने वाले शादी ब्याह केसीजन में कोरोना गाइड लाइन के कारण डीजे आदि बजाना संभव नहीं है। शादी की परमिशन भी लेना ही पड़ेगी तथा ऐसे में हमें मौका मिलता है या नहीं यह अभी तय नहीं है। इधर ज्योतिषियों ने बताया कि जनवरी माह में विवाह के चार शुभ मुहूर्त रहेंगे जबकि पूरे साल विवाह के लिए 71 शुभ मुहूर्त रहेंगे। इनके अलावा लाल और पीला पूजा के अन्य मुहूर्त भी रहेंगे। मई महीने में सर्वाधिक 15 मुहूर्त विवाह के हैं। इसके साथ ही मलमास पूर्ण होने पर मुंडन आदि मांगलिक कार्य भी प्रारंभ हो जाएंगे।
किस माह में कितने मुर्हूत होंगे
जनवरी : 22, 23, 24, 25 कुल चार दिन मुहूर्त। फरवरी : 5, 6, 7, 9, 10, 11, 12, 18, 19, 20, 22 कुल 11 मुहूर्त। मार्च : 4 व 9 मार्च कुल दो मुहूर्त। अप्रैल : 14, 15, 16, 17, 19, 20, 21, 22, 23, 24, 27 कुल 11 मुहूर्त। मई : 2, 3, 9, 10, 11, 12, 15, 17, 18, 19, 20, 21, 26, 27 और 31 मई कुल 15 मुहूर्त। जून : 1, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11, 13, 17, 23, 24 कुल 12 मुहूर्त। जुलाई : 4, 6, 7, 8, 9 तारीख कुल पांच मुहूर्त। 10 जुलाई को देवशयनी एकादशी से चातुर्मास प्रारंभ होने से मांगलिक कार्य बंद हो जाएंगे। 24 नवंबर को देवोत्थान एकादशी पर चातुर्मास प्रारंभ होने से विवाह कार्य आरंभ होंगे। नवंबर : 25, 26, 28, 29 कुल चार मुहूर्त। दिसंबर : 1, 2, 4, 7, 8, 9, 14 कुल सात मुहूर्त ।