नई दिल्ली: 15 जून को गलवान घाटी में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच हिंसक झड़प हुई थी। इस झड़प में भारतीय सेना के 20 जवान शहीद हो गए थे, वहीं करीब 43 चीनी सैनिकों के घयाल होने और कुछ के मारे जाने की भी ख़बरें सामने आई थी। हालांकि चीन ने अपने किसी भी सैनिक के मरने की बात से इनकार कर दिया था। अब गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के मारे जाने का पहला सबूत सामने आया है।
दरअसल, हाल ही में चीनी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म वीबो पर चीनी सैनिकों के कब्र की तस्वीर शेयर की गई है। कब्र में साफ तौर पर लिखा है कि 19 साल के सैनिक की मौत जून के महीने में भारतीय सीमा पर हुई। चीनी सेना भले ही अपने सैनिकों के मारे जाने की ख़बरों से इनकार करते आया हो लेकिन इस प्रमाण ने दुनिया को सच बता दिया है।
चीनी सेना के एक सैनिक की कब्र की एक तस्वीर सामने आई है, जिसमें मंदारिन भाषा में लिखा गया है, ‘फुजियान के पिंगनान से 69316 ट्रूप का सैनिक।’चेन जियांग्रो का मकबरा। उसने जून 2020 में भारतीय सैनिकों के साथ हुए संघर्ष में अपना बलिदान दे दिया और मरणोपरांत केंद्रीय सैन्य आयोग द्वारा याद किया गया।’
कब्र पर इस सैनिक का नाम चेन शियानग्रोंग लिखा है, जो फुजियान प्रांत के पिंगनान का रहने वाला है। सैनिक का जन्म दिसंबर 2001 में हुआ है और मौत जून, 2020 लिखी है। चीनी भाषा में लिखा है कि उसकी मौत बॉर्डर पर भारत के खिलाफ लड़ते हुए हुई है। चीन में सीएमसी सबसे बड़ी सैन्य संस्था है, जिसके चैयरमैन चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग खुद हैं।
तस्वीर में दिख रहा है कि कब्र पर कुछ अधजली सिगरेट के टुकड़े रखे हुए हैं। जानकारों की मानें तो चीन में सिगरेट को सामाजिक तौर से शुभ माना जाता है। सोशल इंटरेक्शन्स में जब लोग एक दूसरे से मिलते हैं तो उसे सिगरेट का पैकेट गिफ्ट करते हैं। इसे दोस्ती और सम्मान के नजरिए से देखा जाता है। ऐसे में माना जा रहा है कि चेन शियानग्रोंग भी सिगरेट पीता हो और उसके साथियों ने उसकी याद में सिगरेट को पीकर उसकी कब्र पर छोड़ दिया हो।
हालांकि इस कथित मकबरे के अस्तित्व पर अभी तक चीनी सरकार या सेना की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। गौरतलब है कि मई से ही भारत और चीन के बीच तनाव की स्थिति बन गई थी। इस तनाव को ख़त्म करने के लिए कई दौर की बातचीत भी हुई लेकिन इसी बीच दोनों सेनाओं के बीच हिंसक झड़प हो गई।