औद्योगिक इकाइयों के संचालकों ने लिया ‘शिप्रा’ को पवित्र बनाये रखने का संकल्प

Shivani Rathore
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इंदौर (Indore News) : इंदौर में आज आयोजित एक कार्यशाला में उद्योगों के संचालकों ने शपथ ली है कि वे अपने-अपने उद्योगों से निकलने वाले दूषित जल को शुद्ध करके उसका समुचित निस्तारण करेंगे और माँ शिप्रा नदी को शुद्ध और पवित्र बनाये रखने के लिये पूरा सहयोग और समर्पण देंगे। वे अपने-अपने उद्योगों में एक महीने के भीतर सभी आवश्यक प्रबंध कर उद्योगों से निकलने वाले दूषित जल को पूरी तरह मानक के अनुसार शुद्ध करेंगे।प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सभी नियमों, निर्देशों और मापदण्डों को पूरा पालन भी सुनिश्चित किया जायेगा। औद्योगिक इकाइयों में अभी तक जानकारी के अभाव में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की जो भी औपचारिकताएं रह गई है उन्हें भी यथाशीघ्र पूर्ण की जायेगी। औपचारिकताओं को पूर्ण करने के लिये तकनीकी तथा अन्य मार्गदर्शन देने हेतु विशेष व्यवस्था की जायेगी।

यह जानकारी आज यहां कलेक्टर श्री मनीष सिंह के मुख्य आतिथ्य में संपन्न हुई दूषित जल के निस्तारण एवं पुर्नउपयोग हेतु परिचर्चा तथा एक्स.जी.एन सॉफ्टवेयर से ऑनलाइन आवेदन और पंजीयन प्रक्रिया संबंधी प्रशिक्षण कार्यशाला में दी गई। इस अवसर पर नगर निगम आयुक्त सुश्री प्रतिभा पाल विशेष अतिथि के रूप में मौजूद थीं। इस अवसर पर मध्यप्रदेश एसोसिएशन ऑफ इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष श्री प्रमोद डाफरिया, उपाध्यक्ष श्री योगेश मेहता सहित अन्य पदाधिकारी और अन्य औद्योगिक संगठनों के प्रतिनिधि तथा औद्योगिक इकाइयों के संचालक भी मौजूद थे।कार्यक्रम को संबोधित करते हुये कलेक्टर श्री मनीष सिंह ने कहा कि यह हमारा परम कर्तव्य है कि हम माँ शिप्रा नदी के जल को पूरी तरह से पवित्र और शुद्ध बनाये रखें। इसके लिये जरूरी है कि इस नदी में किसी तरह का दूषित जल नहीं मिले। शिप्रा नदी के जल की शुद्धता के लिये औद्योगिक इकाइयों की अहम भूमिका है। उन्होंने कहा कि सभी औद्योगिक इकाइयां प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के नियम, निर्देशों और मापदण्डों का पूरा पालन करें। वे यह सुनिश्चित करें कि उनके उद्योगों से निकलने वाला दूषित जल सीवरेज लाइन में नहीं मिलें। उद्योगों में ही दूषित जल के निस्तारण की व्यवस्था की जाये। नियमानुसार ट्रीटमेंट प्लांट बनाये जाये। इस ट्रीटमेंट प्लांट से निकलने वाले जल को सीटीईपी में प्रवाहित करने की व्यवस्था करें। जिन औद्योगिक क्षेत्रों में इस प्लांट तक जल पहुंचाने के लिये लाइन है, वह लाइन के माध्यम से तथा जिन औद्योगिक क्षेत्रों में लाइन नही है वे टैंकरों के माध्यम से इस प्लांट तक उपचारित जल पहुंचाये।

इस अवसर पर उन्होंने कहा कि प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की औपचारिकताओं को पूर्ण करने के लिये औद्योगिक इकाइयों के तकनीकी और अन्य प्रक्रियात्मक सहयोग दिया जायेगा। इसके लिये उन्होंने एसोसिएशन ऑफ इंडस्ट्रीज के कार्यालय में हेल्प डेस्क बनाने, प्रक्रियात्मक सहयोग देने के लिये प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारी श्री संजय जैन को नोडल अधिकारी बनाने की बात कही। इस अवसर पर बताया गया कि ट्रीटमेंट प्लांट बनाने तथा दूषित जल को उपचारित करने के संबंध में तकनीकी जानकारी देने के लिये श्री शाश्वत गुप्ता को जवाबदारी सौंपी गई है। औद्योगिक इकाइयों के संचालक इनके मोबाइल नंबर 73897-67527 पर संपर्क कर सकते हैं।कार्यशाला में नगर निगम आयुक्त सुश्री प्रतिभा पाल ने कहा कि शहर में सीवरेज तथा औद्योगिक इकाइयों के उपचारित जल के लिये बनाये गये प्लांट्स की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि सांवेर रोड इंडस्ट्रियल एरिया में सीटीईपी प्लांट बनाया गया है। इसमे औद्योगिक इकाइयों के उपचारित जल का संग्रह होता है। उन्होंने बताया कि इस प्लांट तक उपचारित जल पहुंचाने के लिये पाइप लाइन का विस्तार किया जा रहा है। 14 किलोमीटर और नई लाइन बिछाई जायेगी। उन्होंने बताया कि नदी-नालों में दूषित जल छोड़ने वाली इकाइयों का लगातार सर्वे कराया जा रहा है।

बैठक में एसोसिएशन ऑफ इंडस्ट्री के अध्यक्ष श्री प्रमोद डाफरिया ने कहा कि प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के नियम, निर्देशों और मापदण्डों की जानकारी के अभाव में अज्ञानतावश बोर्ड की औपचारिकताएं पूरी नहीं हो पायी। जागरूकता के अभाव में ट्रीटमेंट प्लांट नहीं बने है। अब हमने संकल्प लिया है कि एक माह के भीतर सभी औद्योगिक इकाइयों में दूषित जल को उपचारित करने की व्यवस्था सुनिश्चित कर ली जायेगी। हम दूषित जल के निस्तारण एवं पुर्नउपयोग हेतु पूरी तरह से कटिबद्ध है। कार्यक्रम में औद्योगिक संगठनों के प्रतिनिधियों और औद्योगिक इकाइयों के संचालकों की जिज्ञासाओं का समाधान भी किया गया। कार्यक्रम में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधीक्षण यंत्री श्री एच.एस. मालवीय तथा संयुक्त संचालक श्री आर.के. गुप्ता ने तकनीकी मार्गदर्शन दिया।