उज्जैन। बिजली कंपनी पूरे साल भर मेें भी स्मार्ट मीटर लगाने का टारगेट पूरा नहीं कर सकी है। कंपनी को शहर भर में सवा लाख मीटर लगाने है लेकिन अभी तक करीब 35 हजार ही मीटर लगाए जा सके है। हालांकि कंपनी के अधिकारियों का कहना है कि मार्च माह तक पूरे शहर के बिजली उपभोक्ताओं के यहां मीटर लगाने का पूरा कर लिया जाएगा। बता दें कि मीटर लगाने की शुरूआत बीते वर्ष 2021 में जनवरी के दौरान शुरू किया गया था। गौरतलब है कि इंदौर के बाद इस तरह के अत्याधुनिक मीटर लगाने वाला उज्जैन तीसरा शहर है।
उपभोक्ता अब उर्जस ऐप पर अपने घर में लगे स्मार्ट मीटर लाइव देख सकेंगे। ऐसे में मीटर रीडिंग का झंझट ही खत्म हो जाएगा। हर माह की अंतिम तारीख पर मीटर से रेडियो फ्रीक्वेंसी तरीके से डेटा सीधे बिलिंग सेक्शन में पहुंच जाएगा। इसके एवज में बिजली कंपनी उपभोक्ताओं से किसी तरह का शुल्क नहीं लेगी।
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परेशानी का सामना करना पड़ रहा है कंपनी के अधिकारियों की यदि माने तो लोगों के यहां स्मार्ट मीटर लगाने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है और यही कारण है कि एक वर्ष पूरा होने के बाद भी पूरे शहर में स्मार्ट मीटर लगाने का काम पूरा नहीं हो सका है। अधिकारियों का कहना है कि अधिकांश लोगों में आधुनिक मीटर को लेकर भ्रांतियां है तथा ऐसे लोग पुराने मीटर के बदले नया स्मार्ट मीटर लगाना नहीं चाहते है। ऐसी स्थिति में अब मार्च माह तक हर हाल में मीटर लगाने का काम पूरा करना कंपनी का लक्ष्य रहेगा।
पुलिस की मदद लेंगे
विद्युत वितरण कंपनी पश्चिम शहर संभाग के कार्यपालन यंत्री राजीव पटेल ने बताया कि स्मार्ट मीटर लगाने के मामले में अब पुलिस प्रशासन की भी मदद ली जाएगी। श्री पटेल का कहना है कि कर्मचारियों को लोग मीटर लगाने से रोकते है और कई बार विवाद की भी स्थिति बनती है, चुंकि मार्च माह तक हर हालत में मीटर लगाने का पूरा करना है इसलिए इसी माह के आगामी दिनों से पुलिस की मदद लेकर मीटर लगाने का काम किया जाएगा। मदद उन क्षेत्रों में ली जाएगी, जहां परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
उपभोक्ताओं को लग रहा है कि स्मार्ट मीटर तेज चल रहे हैं। जबकि हकिकत यह है कि स्मार्ट मीटर बिजली की खपत का आंकलन करने का स्मार्ट तरीका है। उपभोक्ता जितनी बिजली का उपयोग करेगा, उतने युनिट बनेंगे और उसी के अनुसार बिल आएगा। यहां यह भी उल्लेखनीय है कि जिन लोगों के यहां स्मार्ट मीटर नहीं लगाए जा सके है वहां उनकी प्रतिमाह रीडिंग ली जाती है। किसी कारणवश अगर रीडिंग नहीं ली गई, तो उपभक्ताओं को एवरेज बिल दिया जाता है। दो माह की रीडिंग होने पर खपत के अनुसार बिल दिया जाता है।
समाधान योजना में पंजीयन की तारीख अब 31 जनवरी तक इधर पटेल ने यह भी जानकारी दी है कि बिजली बिल समाधान योजना में पंजीयन कराने के लिए तारीख बढ़ाकर अब 31 जनवरी कर दी गई है। कोरोना काल में स्थगित बिजली बिलों को लकर समाधान योजना को लागू किया था और इसमें उज्जैन जिले में 1.39 उपभोक्ताओं ने अपना रजिस्ट्रेशन कराया है। योजना का लाभ लेने के लिए उपभोक्ता को 15 दिसम्बर तक बिजली कंपनी में अपना आवेदन जमा करना जरूरी था।
समाधान योजना में दो विकल्प हैं। पहले विकल्प के रूप में बकाया मूल राशि का 60 प्रतिशत एकमुश्त भुगतान करने पर 100 प्रतिशत सरचार्ज और शेष 40 प्रतिशत मूल बकाया राशि माफ की जाएगी। दूसरे विकल्प के रूप में मूल राशि का 75 प्रतिशत, 6 समान किश्त में भुगतान करने पर 100 प्रतिशत अधिभार की राशि और शेष 25 प्रतिशत मूल बकाया राशि माफ की जाएगी।