आज है पौष कृष्ण द्वादशी/ त्रयोदशी तिथि, इन बातों का रखें ध्यान

Mohit
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विजय अड़ीचवाल

आज शुक्रवार, पौष कृष्ण द्वादशी/ त्रयोदशी तिथि है।
आज अनुराधा नक्षत्र, “आनन्द” नाम संवत् 2078 है
( उक्त जानकारी उज्जैन के पञ्चाङ्गों के अनुसार है)

-आज प्रदोष व्रत है।
-शर्करा कामदेव के धनुष के मध्य भाग से प्रादूर्भूत हुई है।
-मधु दैत्य वध के समय विष्णुजी के शरीर से पसीने की बून्दों से तिल, कुश और उड़द की उत्पत्ति हुई। (मत्स्य पुराण)
-रविवार युक्त पुष्य या पुनर्वसु नक्षत्र में सर्वोषधि युक्त जल से स्नान करने पर देवताओं की सन्निकटता प्राप्त होती है।
-नवग्रह शान्ति के विधान का विस्तृत वर्णन मत्स्य पुराण के अध्याय 93-94 में है।
-कृतवीर्य सहस्रार्जुन के वैवस्वत मनु के 25 वें सतयुग में उत्पन्न होने का वर्णन है।
-किसी भी माह की शुक्ल पक्ष सप्तमी रविवार युक्त होती है तो वह देवताओं द्वारा पूजित मानी गई है। व्रती को यह अनन्त फल प्रदान करने वाली होती है।