केंद्रीय कर्मचारियों के लिए मोदी सरकार ने एक ऐसा प्लान तैयार किया हैं। जिससे सभी सरकारी कर्मचारी खुश तो होंगे ही साथ ही उनकी काम के प्रति जिम्मेदारी भी बढ़ जायेगी। दरअसल, आने वाला नया साल 2022 सरकारी अफसरो के लिए ख़ुशी का साल हो सकता हैं, क्योंकि अब उन्हें मिलने वाले वेतन में बड़ा उछाल हो सकता हैं।
खबर हैं कि मोदी सरकार का फिटमेंट फैक्टर(fitment factor) को बढ़ाने पर जोर शोर से विचार विमर्श चल रहा हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि फिटमेंट फैक्टर(fitment factor) क्या बला हैं? अगर नहीं जानते तो हम बताते है-
फिटमेंट फैक्टर क्या हैं?(What is the fitment factor?)
फिटमेंट फैक्टर को अगर सरल शब्दों में समझा जाए तो हम कह सकते हैं कि यह एक ऐसा कारक है जो केंद्रीय कर्मचारियों के वेतन में लगभग 2 से 3 गुना तक की वृद्धि कर देता है। हालांकि फिटमेंट फैक्टर के अलावा केंद्रीय कर्मचारियों का वेतन, भत्तों और उनके मूल वेतन के आधार पर तय होता हैं। जैसा कि सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें कहती हैं।
आपको बता दे कि वर्ष 2016 में जब फिटमेंट फैक्टर को बढ़ाया गया था तो कर्मचारियों के वेतन में बड़ा उछाल देखा गया गया था। इस वर्ष कर्मचारियों का बेसिक वेतन 6000 रु प्रतिमाह था, जो फिटमेंट फैक्टर को बढ़ाये जाने के बाद 18000 रु हो गया था। यानी फिटमेंट फैक्टर ने कर्मचारियों की सैलेरी एकदम 3 गुना बड़ा दी थी।
वर्तमान कर्मचारियों को कितना फायदा होगा?(How much will the current employees benefit?)
वर्तमान में फिटमेंट फैक्टर 2.57 प्रतिशत हैं। अगर इसे बढ़ाकर 3 प्रतिशत तक किया तो इसके बाद कर्मचारियों के बेसिक वेतन में होने वाली बढ़ोत्तरी को समझने के लिए बेसिक मैथ्स लगाते हैं। और देखते हैं कि कर्मचारियों की सैलेरी कितनी बढ़ सकती हैं-
मान लेते है कि किसी कर्मचारी की न्यूनतम मूल तनख्वाह = रु 18,000
और भत्ते को छोड़कर उसकी तनख्वाह होगी = 18,000 X 2.57 = रु 46,260 (2.57% फिटमेंट फैक्टर)
और अगर फिटमेंट फैक्टर 3% बढ़ेगा तो कर्मचारियों की तनख्वाह होगी 26000X3 = रु.78000
यानी पहले का वेतन रु 46260 और वर्तमान वेतन रु 78000 के बीच का जो अंतर हैं (रु 31,740) इतना वेतन बढ़ सकता हैं। जबकि यह गणना न्यूनतम मूल वेतन पर की गई है। अधिकतम वेतन वालों को और अधिक लाभ मिलने की सम्भावना हैं।