Tithi : आज है मार्गशीर्ष शुक्ल दशमी तिथि, रखें इन बातों का ध्यान

Pinal Patidar
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आज सोमवार, मार्गशीर्ष शुक्ल दशमी तिथि है। आज रेवती नक्षत्र, “आनन्द” नाम संवत् 2078 है।
( उक्त जानकारी उज्जैन के पञ्चाङ्गों के अनुसार है)

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-कल मङ्गलवार को मोक्षदा एकादशी व्रत (राजगिरा) है।
-कल मङ्गलवार को गीता जयन्ती है।
-गीता में उपनिषद और ब्रह्म सूत्र दोनों का ही तात्पर्य आ जाता है।
-गीता उपनिषदों का सार है।
-वेद भगवान के नि:श्वास है और गीता भगवान की वाणी है।
-गीता भगवान ने योग में स्थित होकर कही है।
-गीता पढ़ाई नहीं कराती, अपितु अनुभव कराती है।
-गीता में किसी मत का आग्रह नहीं है, सिर्फ जीव के कल्याण का ही आग्रह है।
-गीता में सभी धर्मों के अपने – अपने मत के अनुसार ही उद्धार के उपाय मिल जाएंगे।
-सभी को अपने उद्देश की सिद्धि के लिए पूरी सामग्री गीता में उपलब्ध है।
-गीता में पहले ज्ञानयोग फिर कर्मयोग फिर भक्तियोग – यह क्रम है।
-श्रीमद्भगवद्गीता एक ऐसा विलक्षण ग्रन्थ है, जिसकी कोई सीमा नहीं है।
-मतभेद गीता में नहीं, अपितु टीकाकारों में है।

विजय अड़ीचवाल