विजय अड़ीचवाल
आज शुक्रवार, मार्गशीर्ष शुक्ल सप्तमी तिथि है।
आज शतभिषा नक्षत्र, “आनन्द” नाम संवत् 2078 है
( उक्त जानकारी उज्जैन के पञ्चाङ्गों के अनुसार है)
-आज नरसी मेहता जयन्ती है।
-आज मित्र सप्तमी, नन्दा सप्तमी, भद्रा सप्तमी, विष्णु सप्तमी,त्रितय सप्तमी है।
-आज के दिन भगवान सूर्य का पूजन अर्घ्य देने का विशेष महत्त्व है।
-हेमाद्रि ग्रन्थ के अनुसार आज के दिन लाल चन्दन और पुष्पों से भगवान विष्णु का पूजन कर बाटी का नैवेद्य अर्पण करना चाहिए। इससे अभीष्ट की सिद्धि प्राप्त होती है।
-सूर्यदेव भगवान विष्णु के दक्षिण नेत्र हैं। दूसरे अंश से ये अदिति एवं कश्यप के पुत्र हैं। मित्र इनका नाम है।
-माना जाता है कि महाराज मुचकुन्द ही अगले जन्म में नरसी मेहता हुए।
-भगवान श्रीकृष्ण के परम भक्त नरसी मेहता का जन्म काठियावाड़ प्रान्त के जूनागढ़ शहर में बड़नगरा जाति के नागर ब्राह्मण – कुल में हुआ था।
-नानीबाई का मायरा इन्हीं से सम्बन्धित है।
-जूनागढ़ के राव माण्डलिक ने इनकी कड़ी परीक्षा ली थी।
-मन्दिर में बैठी पाषाण मूर्ति द्वारा अपने स्थान से उठकर नरसी मेहता को माला पहनाने की घटना अचम्भित करने वाली थी।
-इस घटना के बाद कड़ी परीक्षा लेने वाले राव माण्डलिक का राज्य नष्ट हो गया था।