आज बुधवार, कार्तिक शुक्ल त्रयोदशी/चतुर्दशी तिथि है।
आज अश्विनी नक्षत्र, “आनन्द” नाम संवत् 2078 है
(उक्त जानकारी उज्जैन के पञ्चाङ्गों के अनुसार है)
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👉 आज वैकुण्ठ चतुर्दशी है।
👉 आज के दिन अपररात्रि में हरि और हर का मिलन होता है।
👉 वैकुण्ठ चतुर्दशी के दिन भगवान शिव ने विष्णु को सुदर्शन चक्र प्रदान किया था।
👉 वैकुण्ठ चतुर्दशी के दिन काशी के मणिकर्णिका घाट पर स्नान करने का विशेष महत्त्व है।
👉 वैकुण्ठ चतुर्दशी के दिन भगवान विष्णु और भगवान शिव – दोनों का ही विशेष रूप से पूजन करना चाहिए।
👉 कार्तिक मास की अन्तिम तीन तिथियों में सब पुण्यों का उदय होता है।
👉 त्रयोदशी को समस्त वेद प्राणियों को पवित्र करते हैं।
👉 चतुर्दशी के दिन यज्ञ और देवता सब प्राणियों को पावन बनाते हैं।
👉 पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु से अधिष्ठित सम्पूर्ण श्रेष्ठ तीर्थ सब पापी प्राणियों को शुद्ध करते हैं।
👉 तीन तिथियों में ब्राह्मण कुटुम्ब को भोजन कराना चाहिए। इससे पितरों का उद्धार होता है।
👉 इसीलिए इन तिथियों में अधिक से अधिक अन्नकूट आयोजित होने लगे हैं।
👉 उक्त तीन दिन गीता, विष्णु सहस्रनाम का पाठ अवश्य करना चाहिए।