आज गुरुवार, कार्तिक कृष्ण अमावस्या तिथि है।
आज चित्रा/स्वाति नक्षत्र, “आनन्द” नाम संवत् 2078 है
( उक्त जानकारी उज्जैन के पञ्चाङ्गों के अनुसार है)
आज दीपोत्सव है।
आज महालक्ष्मी, देवराज इन्द्र, धनाध्यक्ष कुबेर, सरस्वती, खाता बही, लेखनी, महाकाली (स्याही युक्त दावात), तुला – मान, दीपकों, नवग्रह, षोडश मातृकाएं आदि का पूजन किया जाता है।
आज 21 दीपक प्रज्वलित किए जाते हैं। (अपनी परम्परा अनुसार उतनी संख्या में दीपक प्रज्वलित करें)
पूजन के समय लक्ष्मी जी के समक्ष घी का एक दीपक प्रज्वलित कर रखना चाहिए, जो पूरी रात जलता रहे।
लक्ष्मी पूजन के बाद रात भर लक्ष्मी सहस्रनाम, श्री सूक्त, लक्ष्मी सूक्त, लक्ष्मी जी के विभिन्न स्तोत्र, गोपाल सहस्रनाम का पाठ करना चाहिए। ऐसा करने से लक्ष्मी जी का उस गृह में स्थायी निवास होता है।
आज के दिन भगवान वामन ने राजा बलि के सिर पर पैर रखकर उसे सुतल लोक पहुंचा दिया था।
इस दिन भगवान वामन ने राजा बलि को वरदान दिया था कि इन 3 दिनों में जो दीपदान करेगा, उसे यम यातना नहीं होगी और उसके घर लक्ष्मी जी स्थायी रूप से निवास करेंगी।