डेंगू बुखार इलाज विषय पर आयोजित कार्यशाला को डाॅ .A.K. द्विवेदी ने सम्बोधित किया

Akanksha
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इन्दौर(Indore News ): विजय नगर, इन्दौर स्थित कमलाबेन रावजीभाई पटेल गुजराती होम्योपैथिक मेडिकल काॅलेज में होम्योपैथिक चिकित्सा छात्र-छात्राओं के लिये आयोजित विषेष कार्यषाला को डाॅ. द्विवेदी ने सम्बोधित किया। डाॅ. द्विवेदी ने सम्बोधित करते हुए कहा कि, मौसम परिवर्तन के समय बुखार आना या जोड़ों में दर्द होना एक आम बात होती है, लेकिन इस समय यदि आपको तेज बुखार है, उसके साथ शरीर के अंगों में असहनीय पीड़ा हो रही है, सिर दर्द हो रहा है, भूख नहीं लग रही है, कमजोरी लग रही है या फिर उल्टी जैसा लग रहा है, तो यह बुखार वायरल बुखार या डेंगू बुखार हो सकता है।

इसके लिये आप बिना समय गँवाए किसी नजदीकी चिकित्सक से अवष्य सम्पर्क कीजिये। सम्भव हो तो कम्पलीट ब्लड काउण्ट (सीबीसी) और डेंगू प्रोफाइल की जाँच अवश्य करायें। यदि आपकी जाँच में डेंगू पाॅजिटिव नहीं आता है और सीबीसी में प्लेटलेट्स भी नाॅर्मल है तो यह बुखार वायरल बुखार हो सकता है लेकिन यदि जाँच में डेंगू पाॅजिटिव आता है और सीबीसी में प्लेटलेट्स भी कम आते हैं तो यह बुखार डेंगू ही है।

डाॅ. द्विवेदी ने यह समझाया कि, डेंगू के मरीजों को कब तक घर में रहना चाहिये और कब अस्पताल में भर्ती हो जाना चाहिए। आपने कहा कि, यदि लगातार दो-तीन दिन से तेज बुखार बना हुआ है और प्लेटलेट्स काउण्ट 50 हजार या 50 हजार से कम हैं तो अस्पताल में भर्ती होकर इलाज लेना चाहिये। लेकिन यदि प्लेटलेट्स काउण्ट 50 हजार या 50 हजार से 1.50 लाख के बीच में है तो आप चिकित्सक की देखरेख में घर पर भी इलाज ले सकते हैं। आपने बताया कि, ऐसे कई मरीज होम्योपैथिक इलाज द्वारा घर पर रहकर ही उनके द्वारा ठीक किये जा चुके हैं।

आपने बताया कि, यदि आपको सुगर नहीं है तो खाने में भुना चना (देषी) देषी गुड़ के साथ, गरम दूध (हल्दी के साथ), भुना हुआ बादाम, सोयाबीन (भुना हुआ), पालक, पपीता, पिण्ड खजूर, सत्तू (चना$जौ) देषी गुड़ के साथ, गेहूँ का दलिया$गुड़$दूध, आँवले का मुरब्बा/आँवला कैण्डी, गाजर, चीकू, चुकन्दर, सेब, अनार, किशमिश, छुहाड़ा, मुनक्का, अंजीर तथा माँसाहारी मछली या अण्डे का सेवन कर सकते हैं, साथ ही आपने बताया कि थोड़ी-थोड़ी देर में तरल पदार्थ (नारियल पानी/अनार ज्यूस) का सेवन करते रहें। किसी भी प्रकार की दर्द निवारक दवा बिना चिकित्सकीय सलाह के न लें। आपने होम्योपैथिक चिकित्सा के बारे में बताते हुए कहा कि, कोरोना के बाद लोग होम्योपैथी को बतौर इम्युनिटी बूस्टर तथा रोगों से बचाने वाली दवाईयों के तौर पर लेना पसन्द करने लगे हैं।

आपने कहा कि, होम्योपैथिक दवाईयाँ डेंगू होने से बचा भी सकती हैं और डेंगू के बुखार में शीघ्र ही आराम देते हुए प्लेटलेट्स की संख्या को भी बढ़ा सकती हैं। आपने बताया कि, ऐसे मरीज जिनका डेंगू पाॅजिटिव था तथा प्लेटलेट्स काउण्ट 60 हजार था, ऐसे मरीज मात्र 7 से10 दिन की होम्योपैथिक दवाईयों से घर पर ही ठीक हो गये तथा प्लेटलेट्स भी नार्मल हो गया। डाॅ. द्विवेदी ने कहा कि, ऐसे में जब शहर के अस्पतालों में मरीजों से बिस्तर भरे हुए हैं, जगह की कमी है साथ ही प्लेटलेट्स की भी कमी है, लोगों को होम्योपैथिक चिकित्सा अपनाने की सलाह दी।