इन्दौर 12 अक्टूबर 2021
सिंगल यूज प्लास्टिक के उपयोग को बंद करने एवं प्लास्टिक अपशिष्ठ प्रबंधन नियम 2016 तथा नगरीय ठोस अपशिष्ठ प्रबंधन विषय पर वेबीनार का आयोजन किया गया। वेबीनार में क्षेत्रीय कार्यालय इन्दौर / देवास के अंतर्गत आने वाले जिलों इन्दौर, खरगौन, खंडवा, बड़वानी, बुरहानपुर देवास तथा शाजापुर की समस्त नगर निगम, नगर पालिकाओं / नगर परिषदों के अधिकारियों, प्लास्टिक उद्योगों, शहरों के प्लास्टिक व्यावसायियों, टॉफी उद्योग, होटल / मैरिज गार्डन के प्रतिनिधियों नगरीय विकास विभाग के अधिकारियों, शासकीय अधिकारियों, एन.जी.ओ. शिक्षण संस्थान तथा बोर्ड के संबंधित अधिकारियों सहित लगभग 151 प्रतिभागियों द्वारा भाग लिया गया।
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बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी श्री आर. के. गुप्ता द्वारा स्वागत भाषण देते हुये बताया गया कि केन्द्रीय पर्यावरण एवं वन मंत्रालय द्वारा दिनांक 12 अगस्त 2021 को प्लास्टिक अपशिष्ठ प्रबंधन नियम 2016 में संशोधन करते हुए सिंगल यूज प्लास्टिक अर्थात प्लास्टिक की वस्तु जिसको डिस्पोज या रिसायकल से पहले एक काम के लिये एक ही बार इस्तेमाल किया जाना है को प्रतिबंधित किया गया है। यह प्रतिबंध 01 जुलाई 2022 से प्रभावशील होंगे। इसके तहत सिंगल यूज प्लास्टिक जिसमें 17 प्रकार के उत्पाद जैसे प्लास्टिक स्टिक वाले ईयर बडस, बैलून के साथ उपयोग होने वाले प्लास्टिक स्टिक, प्लास्टिक के झंडे, कैंडी स्टिक, आईस्क्रीम स्टिक एवं सजावट में उपयोग होने वाले थर्माकोल का सामान, प्लेटस, कप्स, ग्लास, फोर्क, स्पून, चाकू, स्ट्रॉ, ट्रे आदि कटलरी आईटम, मिठाई के डिब्बो के चारो और लपेटने वाली फिल्म, निमंत्रण पत्र, सिगरेट पैकेट की पैंकिंग में उपयोग होने वाली प्लास्टिक तथा 100 माइक्रॉन से कम मोटाई के बेनर्स एवं स्टिकर शामिल हैं, के निर्माण एवं क्रय-विक्रय तथा उपयोग को प्रतिबंधित किया गया है। उक्त वेबीनार का प्रमुख उद्देश्य संबंधित प्लास्टिक उद्योगो के प्रतिनिधियों, नियमों के क्रियान्वयन हेतु दायित्वाधीन नगरीय निकायों को प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन नियम संशोधित 2021 की जानकारी देने के उद्देश्य से किया गया।
क्षेत्रीय अधिकारी द्वारा अवगत कराया गया कि म.प्र. राज्य में पॉलीथीन कैरीबैग पर पूर्ण प्रतिबंध गत 24 मई 2017 से लागू हैं, आगे इसके साथ सिंगल यूज प्लास्टिक संबंधी प्रतिबंध आगामी 01 जुलाई 2022 से लागू हो जायेंगे। उपरोक्तानुसार सिंगल यूज प्लास्टिक का उद्योगों में निर्माण बंद कराने का दायित्व म.प्र. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का होगा। इसके क्रय-विक्रय तथा इस्तेमाल पर प्रतिबंध के पालन कराने की जिम्मेदारी नगरीय निकायो एवं पंचायतो को दी गई है।
उक्त संशोधन के क्रियान्वयन की जिम्मेदारी उत्पादन करने वाली इकाईयों के उपर म.प्र. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की होगी एव क्रय-विक्रय उपयोग इत्यादि पर प्रतिबंधात्मक कार्यवाही के अधिकार नगरीय निकायों एवं पंचायतों को सौपे गये हैं। क्षेत्रीय अधिकारी द्वारा अनुरोध किया गया कि सिंगल यूज प्लास्टिक के स्थान पर वैकल्पिक आईटम जैसे पेपर के कप, पेपर ग्लास, पत्तों से बने दोने, मिट्टी से बने कुल्हड़, सुराही, लकड़ी से बने कटलरी आईटम एवं स्टिक्स इत्यादि का उपयोग किया जावें। इसी प्रकार पूजा पंडाल में शादियों में प्लास्टिक से बने सिंगल यूज प्लास्टिक व थर्माकोल के उपयोग को हतोत्साहित करना श्रेयस्कर होगा।
बताया गया कि प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन नियम में “एक्स्टेंडेड प्रोड्यूसर रिसपांसबिलिटी” का प्रावधान किया गया है। म.प्र. राज्य में नगरीय ठोस अपशिष्ठ प्रबंधन नियम 2016 लागू हैं एवं इसके तहत नगर की सीमा में उत्पन्न होने वाले सूखे एवं गीले घरेलू अपशिष्ट का डोर-टू-डोर कलेक्शन, परिवहन, उपचार एवं निपटान की जिम्मेदारी नगरीय निकायों को सौंपी गई है। समस्त नगरीय निकायों के प्रतिनिधियों से नियमों का पालन करने का आवाहन किया गया।
विशिष्ठ अतिथि के रूप में उपस्थित नगरीय विकास विभाग के संयुक्त संचालक श्री राजीव निगम द्वारा वेबीनार को संबोधित करते हुए सभी नगरीय निकायों, व्यापारियों, उद्यमियों से अनुरोध किया गया कि वे केन्द्र एवं राज्य शासन के नियमों का पालन उनके क्षेत्रों में अनिवार्य रूप से करें ताकि किसी को भी किसी प्रकार की विपरीत परिस्थिति का सामना न करना पड़े। उन्होने नगरीय निकायों की ओर से आश्वस्त किया कि सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध नगरीय सीमा में सभी सी.एम.ओ. द्वारा अनिवार्य रूप से लागू किया जायेगा।
तकनीकी सत्र में प्रथम प्रजेन्टेशन अधीक्षण यंत्री, म.प्र. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड भोपाल डॉ. एम. एल. पटेल द्वारा “सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध एवं इसके विकल्प” विषय पर दिया गया। कार्यक्रम में संचालक इको प्रो इंवायरमेन्टल सर्विसेज श्री अजय जैन द्वारा नगरीय ठोस अपशिष्ठ प्रबंधन नियम एवं नगरीय ठोस अपशिष्ठो के प्रसंस्करण हेतु उपलब्ध तकनीकों के संबंध में जानकारी दी गई। प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन नियम 2021 के प्रावधानों की विस्तृत जानकारी केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के श्री अनूप चतुर्वेदी ने दी। रिसाईक्लिंग कर बनाये जा रहे विभिन्न उत्पादों की जानकारी अध्यक्ष इंडियन प्लास्टिक फोरम श्री सचिन बंसल एवं शक्ति प्लास्टिक के श्री राहुल पोतदार द्वारा उनके व्याख्यान के माध्यम से प्रतिभागियों को दी गई। कार्यक्रम के अंत में आभार प्रदर्शन श्री सुनील व्यास द्वारा किया गया।