प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय़ समिति ने नीमच-रतलाम रेल लाइन के दोहरीकरण की मंजूरी दी है। इस परियोजना की कुल अनुमानित लागत 1,095.88 करोड़ रुपये और बढ़ी हुई/कार्य समापन लागत 1,184.67 करोड़ रुपये होगी। इस लाइन के दोहरीकरण की कुल लंबाई 132.92 किमी है। यह परियोजना चार साल में पूरी होगी।
नीमच-रतलाम खंड की लाइन क्षमता उपयोग रख-रखाव ब्लॉकों के साथ 145.6 प्रतिशत तक है। इस परियोजना मार्ग खंड पर बिना रख-रखाव ब्लॉक के भी अधिकतम क्षमता से भी कहीं अधिक माल ढुलाई यातायात हो गया है। सीमेंट कंपनियों के कैप्टिव पॉवर प्लांट के लिए मुख्य आवक माल यातायात के रूप में कोयले की ढुलाई की जाती है। नीमच-चित्तौड़गढ़ क्षेत्र में सीमेंट ग्रेड, चूना पत्थर के विशाल भंडारों की उपलब्धता होने से नए सीमेंट उद्योगों की स्थापना के कारण इस खंड पर यातायात में और बढ़ोतरी होगी।
नीमच-रतलाम खंड के दोहरीकरण से इस खंड की क्षमता में बढ़ोतरी होगी। इस प्रकार सिस्टम में अधिक माल और यात्री ट्रेन शामिल की जा सकेंगी। सीमेंट उद्योगों की निकटता के कारण पहले वर्ष से 5.67 मिलियन टन प्रति वर्ष की अतिरिक्त माल ढुलाई की उम्मीद है, जो 11वें वर्ष में बढ़कर 9.45 मिलियन टन प्रति वर्ष हो जाएगी। इससे आसान कनेक्टिवटी उपलब्ध होने के साथ-साथ इस क्षेत्र के सामाजिक-आर्थिक विकास को भी बढ़ावा मिलेगा। इस परियोजना से इस क्षेत्र में पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा, क्योंकि ऊंचागढ़ के किले सहित कई ऐतिहासिक स्थल इस परियोजना क्षेत्र में स्थित हैं।