नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘मन की बात’ कार्यक्रम में करगिल विजय दिवस पर देश के सैनिकों की बहादुरी को याद किया है। पीएम ने कहा कि आज देश कारगिल युद्ध में अपना बलिदान देने वाले वीर योद्धाओं को याद कर रहा है। उस वक्त भारत पाकिस्तान से मित्रता चाहता था, लेकिन पाकिस्तान ने बड़े-बड़े मंसूबे पालकर करगिल युद्ध का दुस्साहस किया था। इस युद्ध में भारत के सच्चे पराक्रम की जीत हुई।
मोदी ने कहा कि करगिल का युद्ध जिन परिस्थितियों में हुआ वो भारत कभी भूल नहीं सकता है। पाकिस्तान ने बड़े-बड़े मंसूबे पालकर भारत की भूमि हथियाने और अपने यहां चल रहे आंतरिक कलह से ध्यान भटकाने के लिए दुस्साहस किया था। दुष्ट का स्वभाव ही होता है हर किसी से बिना वजह दुश्मनी लेना। पाकिस्तान ऐसा ही कर रहा था।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि ऐसे स्वभाव के लोग जो हित करता है उसका भी नुकसान ही पहुंचाते हैं इसलिए भारत की मित्रता की जवाब में पाकिस्तान ने पीठ में छुरा घोंपने की कोशिश की थी। इसके बाद भारत ने जो पराक्रम दिखाया वो पूरी दुनिया ने देखा।
कारगिल का दौरा पीएम ने अपने अनमोल क्षणों में से बताया। उन्होंने कहा करगिल जाने और वीर जवानों के दर्शन का सौभाग्य मिला था। ये पल उनके जीवन के अनमोल क्षणों में से हैं।
पीएम मोदी ने तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी द्वारा लालकिले से दिए गए संदेश को याद किया। पीएम ने कहा कि अटल जी ने कहा था कि करगिल युद्ध ने हमें एक मंत्र दिया है, ये मंत्र था कि कोई महत्वपूर्ण निर्णय लेने से पहले हम ये सोचें कि क्या हमारा ये कदम उस सैनिक के सम्मान के अनुरूप है जिसने उन दुर्गम पहाड़ियों में अपने प्राणों की आहुति दी थी।
कोरोना वायरस संक्रमण के दौर में देशवासियों के संयम की सराहना करते हुए पीएम ने कहा कि मास्क पहनने में कई बार परेशानी होती है। जब हमें बोलना होता है तो हम मास्क हटा लेते हैं, लेकिन मास्क हटाने से पहले डॉक्टरों और नर्सों को याद करें जो घंटों तक मास्क पहने रहते हैं।